राजपथ पर आज राष्ट्रपति की ओर से आतंकियों के खिलाफ अदम्य साहस और वीरता का परिचय देने वाले दो सैनिकों को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति की ओर से दोनों सैनिकों को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया। इस सम्मान को पाने वाले एक हैं, राजपूताना राइफल्स के नायक नीरज कुमार सिंह जो कि राष्ट्रीय राइफल्स में जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। 24 अगस्त 2014 को कुपवाड़ा में आतंकियों से लड़ते हुए नीरज कुमार ने अद्धभुत साहस का परिचय दिया, लेकिन वीरगति को प्राप्त हुए।
वहीं इस साल का दूसरा अशोक चक्र भी राजपूताना राइफल्स की ओर से राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात मेजर मुकुंद वरदराजन को दिया गया। मेजर वरदराजन ने भी 15 अगस्त 2014 को जम्मू-कश्मीर के शोपियां में आतंकियों के खिलाफ एक ऑपरेशन में गजब का साहस और वीरता का परिचय दिया और हिज़बुल के तीन आतंकियों को मारकर वीरगति को प्राप्त हुए। अशोक चक्र शांति काल में दिया जाने वाला देश का सबसे बड़ा वीरता सम्मान है।
राष्ट्रपति की ओर से आज 374 सैनिकों को वीरता पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति की ओर से दो अशोक चक्र के अलावा, तीन कीर्ति चक्र, 12 शोर्य चक्र, 48 सेना मेडल, दो नौसेना मेडल, 11 वायुसेना मेडल, 28 परम विशिष्ट सेवा मेडल, तीन उत्तम युद्ध सेवा मेडल और 13 युद्ध सेवा मेडलों से सम्मानित किया गया।
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