लोकसभा सांसद असदुद्दीन औवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मॉनसून सत्र से प्रश्नकाल को निलंबित करने (No Question Hourin Monsoon Session) के फैसले को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने बुधवार को एक साथ कई सारे ट्वीट किए और सवाल उठाया कि आखिर प्रश्नकाल हटाए जाने का फैसला केंद्र ने अकेले कैसे कर लिया? उन्होंने इसके साथ ही प्रश्नकाल कराए जाने को लेकर सुझाव भी रखे. उन्होंने अपने ट्वीट में लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला को ट्वीट करते हुए लिखा, 'सम्माननीय लोकसभा स्पीकर, अधिकारों का विभाजन संविधान की मूलभूत संरचना का हिस्सा है. संसद के पास सरकार की शक्तियों और कर्तव्यों पर सवाल उठाने का अधिकार है. हमें सवाल पूछने और सरकार की जवाबदेही तय करने के लिए चुना गया है. एक ऐसा सत्र रखना जिसमें बस सरकार अपना काम-काज करेगी, हमे ऐसा करने से रोकता है.'
There's a requirement for 15 days' notice period for questions & I request that questions from members be accepted starting today so that the House can take up questions well within time. It's also your discretion to reduce the notice period u/r 33 of LS Rules of Procedure
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 2, 2020
यह भी पढ़ें: संसद के सत्र में क्यों नहीं होगा प्रश्नकाल, सरकार ने बताई वजह
उन्होंने कहा कि 'सवालों के लिए 15 दिनों का नोटिस देने की अनिवार्यता है और मैं आग्रह करता हूं कि सांसदों के सवाल आज से लेने शुरू किए जाएं ताकि तय वक्त के पहले सदन में सवाल लिए जा सकें. और यह भी आपके (लोकसभा स्पीकर) के विवेक पर निर्भर करता है अगर आप लोकसभा की प्रक्रिया के नियम संख्या 33 के तहत नोटिस पीरियड की अवधि घटाना चाहें.' उन्होंने यह भी कहा कि सत्र के दौरान एक दिन बस प्रश्नों के लिए भी रखा जा सकता है.'
Even during exceptional situation of 1962 India-China war, Question Hour was suspended only after All Party Meeting (APM). In this case @PMOIndia didn't hold an APM. When Standing Committee meetings are being held & even #JEENEET, why not an APM to consult us before Parliament? pic.twitter.com/W7rz0XC6Tv
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 2, 2020
ओवैसी ने इस फैसले पर सरकार के तरीके पर सवाल उठाते हुए कहा कि '1962 के भारत-चीन युद्ध जैसे वक्त में भी प्रश्नकाल को ऑल पार्टी मीटिंग में लिए गए फैसले के बाद ही निलंबित किया गया था. लेकिन इस मामले में सरकार ने कोई मीटिंग नहीं रखी थी. जब स्टैंडिंग समितियों की बैठकें हो रही हैं, और यहां तक कि देश में JEE-NEET की परीक्षाएं तक कराई जा रही हैं तो संसद के पहले एक ऑल पार्टी मीट क्यों नहीं बुलाई गई?'
यह भी पढ़ें: लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बोले- प्रश्नकाल, शून्यकाल होना चाहिए, किए जाएं इंतजाम
बता दें कि संसद का मॉनसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होने जा रहा है. कोरोना वायरस को देखते हुए लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही में कुछ बदलाव किए गए हैं, बदलावों के अनुसार मानसून सत्र (Monsoon Session) में प्रश्नकाल नहीं होगा लेकिन शून्य काल रहेगा.
Video: 14 सितंबर से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र में प्रश्नकाल नहीं
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं