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This Article is From Jul 07, 2023

"नेताओं, संगठनों को अपमानित करना राहुल गांधी की फितरत": रविशंकर प्रसाद ने कहा- कोर्ट का निर्णय स्वागत योग्य

भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के बाद कहा कि अगर राहुल गांधी लोगों को अपमानित करना अपना अधिकार समझते हैं तो कानून भी है, जो उनसे निपटेगा...

भाजपा ने राहुल गांधी की याचिका खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया

नई दिल्‍ली:

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘मोदी उपनाम' वाली टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध करने संबंधी उनकी याचिका खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस नेता का व्यवहार ‘गैरजिम्मेदाराना अहंकार' वाला रहा है. भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "आज का निर्णय विधि सम्मत है, उचित है और स्वायत योग्य है."

इससे पहले, गुजरात उच्च न्यायालय ने राहुल गांधी की याचिका करते हुए कहा कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष पहले ही देशभर में 10 मामलों का सामना कर रहे हैं और निचली अदालत का उन्हें दोषी ठहराने का आदेश ‘न्यायसंगत, उचित और वैध' है. अदालत ने कहा कि दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई तर्कसंगत कारण नहीं है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा, "राहुल गांधी ने 2019 में एक टिप्पणी मोदी सर नेम पर की थी. मोदी सर नेम पिछड़े और अति पिछड़े होते हैं. कायदे से माफी मांगनी चाहिए उनको, लेकिन माफी तो मांग नहीं सकते हैं. इनके खिलाफ दस मामले चल रहा हैं. मानहानि के मामले में राहुल आदतन अपराधी हैं. विदेश में जाकर संस्थानों को  बुरा-भला कहते हैं, अब तो पत्रकारों को भी नहीं छोड़ रहे हैं. राफेल पर पता नहीं क्या क्या कैंपेन चलाया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में जब मामला गया, तो फिर माफी मांगी. कांग्रेस पार्टी क्यों राहुल गांधी को कंट्रोल नहीं कर पा रही है? माफी के मुद्दे पर कहते हैं कि मैं सावरकर नहीं हूं. सोचिए, सावरकर के खिलाफ कितनी नफरत है. अब उनके पोते ने भी केस किया है."

वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया कि नेताओं और संगठनों को अपमानित करना राहुल गांधी की ‘फितरत' है. उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी लोगों को अपमानित करना अपना अधिकार समझते हैं तो कानून भी है, जो उनसे निपटेगा...अपमानित होने वाले का भी अधिकार है कि वह न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाए. उन्होंने कहा, "राहुल गांधी का अपनी वाणी पर कोई नियंत्रण नहीं है. कुछ भी बोल देंगे आप. अदालत ने उनको माफी मांगने का मौका भी दिया था लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया. यह आपका गैरजिम्मेदाराना अहंकार है."

गुजरात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 499 और 500 (आपराधिक मानहानि) के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी. फैसले के बाद गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.

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