मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका खारिज हो गई है. प्रियंका गांधी ने भी इस पूरे मामले पर रोष जताते हुए कहा है कि अहंकारी सत्ता चाहती है कि उनसे महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं, युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो, किसानों की भलाई की आवाज न उठे, महिलाओं के हक की बात न हो, श्रमिकों के सम्मान के सवाल को न उठाया जाए. वहीं, कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.
गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की 2 साल की सजा को बरकरार रखा है. इसी के चलते उनकी संसद सदस्यता की अयोग्यता बरकरार रहेगी. कोर्ट ने कहा है कि दोषसिद्धि पर रोक का कोई नियम नहीं है. सूरत की सेशन कोर्ट ने आपराधिक मानहानि केस में राहुल गांधी को 23 मार्च को दो साल की सजा सुनाई थी और बाद में सजा पर रोक लगाने की याचिका को भी खारिज कर दिया था.
इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता अगले ही दिन यानी 24 मार्च को चली गई थी और बाद में उन्हें अपना सरकारी घर भी खाली करना पड़ा था. सूरत की कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने गुजरात हाइकोर्ट में याचिका लगाई,जिसे आज हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी जनसभा के दौरान दिए गए राहुल गांधी के एक कथित विवादित बयान से ये मामला शुरू हुआ. इस बयान पर गुजरात बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
प्रियंका गांधी ने भी इस पूरे मामले पर रोष जताया है. उन्होंने ट्वीट किया- राहुल गांधी इस अहंकारी सत्ता के सामने सत्य और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं. अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि देश के लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने वाले सवाल न उठें. अहंकारी सत्ता चाहती है कि उनसे महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं, युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो, किसानों की भलाई की आवाज न उठे, महिलाओं के हक की बात न हो, श्रमिकों के सम्मान के सवाल को न उठाया जाए.
अहंकारी सत्ता सच को दबाने के लिए हर हथकंडे आजमा रही है, जनता के हितों से जुड़े सवालों से भटकाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद, छल, कपट सब अपना रही है, लेकिन, सत्य, सत्याग्रह, जनता की ताकत के सामने न तो सत्ता का अहंकार ज्यादा दिन टिकेगा और न ही सच्चाई पर झूठ का परदा. राहुल गांधी जी ने इस अहंकारी सत्ता के सामने जनता के हितों से जुड़े सवालों की ज्योति जलाकर रखी है. इसके लिए वे हर कीमत चुकाने को तैयार हैं और तमाम हमलों व अहंकारी भाजपा सरकार के हथकंडों के बावजूद एक सच्चे देशप्रेमी की तरह जनता से जुड़े सवालों को उठाने से पीछे नहीं हटे हैं. जनता का दर्द बांटने के कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं. सत्य की जीत होगी. जनता की आवाज जीतेगी.
"समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 7, 2023
शिखरों को डूबने और मुकुटों को बह जाने दो
पथरीली ऊँची जमीन है? तो उसको तोड़ेंगे
समतल पीटे बिना समर की भूमि नहीं छोड़ेंगे
समर शेष है, चलो ज्योतियों के बरसाते तीर
खण्ड-खण्ड हो गिरे विषमता की काली जंजीर"
श्री राहुल गांधी जी इस अहंकारी सत्ता के…
कांग्रेस के नेता डी के शिवकुमार ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. न्याय नहीं हुआ. ये लोकतंत्र की हत्या है. राहुल गांधी पूरे देश को जोड़ रहे हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसे बीजेपी बर्दाश्त नहीं कर पा रही. बीजेपी राहुल को संसद से ब्लॉक करना चाहती है. मुझे लगता है राहुल और मज़बूत होकर सामने आएंगे.
आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका खारिज होने पर कहा, "यह तो पूरे देश में दिख रहा है कि जो लोग भी विपक्ष में हैं, उन पर तरह-तरह के के केस किए जा रहे हैं, उनके पीछे एजेंसियां लगाई जा रही हैं, सदस्यता भंग करने की कोशिशें हो रही हैं. जो भी केन्द्र सरकार के विरोध में है, उन पर कोई न कोई कार्रवाई चल रही है. हालांकि, यह मामला कोर्ट में है, हम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करते हैं. लेकिन जो भी न्यायालय हैं, वो चाहे सुप्रीम कोर्ट हो या निचली अदालत, संविधान को बचाकर रखना अदालतों की ही ज़िम्मेदारी है. संविधान का सम्मान और सिद्धांत बरकरार रहे, यह सबसे ज़रूरी है."
राहुल गांधी को लेकर गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि यह एक राजनीतिक मुकदमा है. ये निचली अदालत का फैसला है, जिसका हम सम्मान करते हैं. हम उच्चतम न्यायालय तक जाएंगे, पूरी ताकत के साथ सच्चाई के साथ इस लड़ाई को लड़ेंगे. 2024 की लड़ाई कहीं से कमजोर नहीं होगी. ताकतवर और मजबूत होकर यह लड़ाई लड़ रहे हैं, सच्चाई को आप जितना दबाओगे इतनी ताकत से निकलेगी.
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