निर्दलीय विधायक रामबीर शौकीन के समर्थन वापस लेने के बाद अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली विधानसभा में मुश्किल स्थिति में घिरती दिख रही है, जहां उसके विधायकों की संख्या अब घटकर कुल संख्या की आधी रह गई है।
केजरीवाल की दो महीने पुरानी सरकार के पास 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के समर्थन के साथ अब 35 विधायक बचे हैं।
पिछले साल दिसंबर महीने में हुए विधानसभा चुनाव में आप ने शानदार शुरुआत करते हुए 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन यह प्रत्यक्ष बहुमत से आठ सीटें कम थी। अंतत: इसने कांग्रेस के आठ सदस्यों के बाहरी समर्थन से सरकार बनाई थी।
पिछले सप्ताह, पार्टी ने बागी विधायक विनोद कुमार को बिन्नी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया था, जिससे सदन इसकी संख्या घटकर 26 रह गई थी। केजरीवाल सरकार को जनता दल युनाइटेड के विधायक शोएब इकबाल का समर्थन हासिल है।
केजरवीला सरकार इस सप्ताह दिल्ली विधानसभा में अपने दो अहम विधेयक जनलोकपाल बिल और स्वराज बिल पेश करने की तैयारी में जुटी है और ऐसे में उसके पाले से रामबीर शौकीन का छिटकना उसके लिए मुश्किलें पैदा कर सकती है।
वहीं शौकीन का कहना है कि केजरीवाल सरकार ने बिजली और पानी के मुद्दों का समाधान नहीं किया है और इसी लिए वह उससे समर्थन वापस ले रहे हैं।
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