विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Nov 18, 2023

"मुख्‍य सचिव को तुरंत करें सस्‍पेंड": केजरीवाल सरकार ने उपराज्‍यपाल को भेजी रिपोर्ट

दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार से जुड़े कथित अस्‍पताल घोटाले की रिपोर्ट केजरीवाल सरकार ने उपराज्‍याल वीके सक्‍सेना को भेज दी है.

Read Time: 6 mins
"मुख्‍य सचिव को तुरंत करें सस्‍पेंड": केजरीवाल सरकार ने उपराज्‍यपाल को भेजी रिपोर्ट
चीफ सेक्रेटरी को तुरंत हटाने और सस्पेंड करने की मांग
नई दिल्‍ली:

दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार (Delhi Chief Secretary Naresh Kumar) पर दिल्ली के आईएलबीएस (ILBS) अस्पताल में कथित भ्रष्टाचार (Hospital Scam) का आरोप लगा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने चीफ सेक्रेटरी के कथित भ्रष्टाचार की रिपोर्ट उपराज्‍यपाल वीके सक्‍सेना (LG VK Saxena) को भेज दी है. इस रिपोर्ट में केजरीवाल सरकार ने चीफ सेक्रेटरी को तुरंत हटाने और सस्पेंड करने की मांग की गई है. 

मुख्‍य सचिव के बेटे की कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप
दिल्ली की सतर्कता मंत्री आतिशी ने इससे पहले एक नई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि मुख्य सचिव नरेश कुमार ने अपने पद का इस्तेमाल का करते हुए यकृत और पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) और उस कंपनी के बीच ‘लाभप्रद सहयोग' कराया, जिसमें उनका बेटा एक साझेदार है. सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. मुख्य सचिव की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन आईएलबीएस ने एक बयान में कृत्रिम मेधा (एआई) के लिए किसी भी सॉफ्टवेयर डेवलपर या कंपनी को कोई भी खरीद ‘ऑर्डर' देने या भुगतान करने के ‘आरोप' से इनकार किया.

हितधारकों को 897 करोड़ रुपये का लाभ होने का दावा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपी गई ‘पूरक रिपोर्ट' के अनुसार, मुख्य सचिव के रूप में 20 अप्रैल 2022 को नरेश कुमार की नियुक्ति होने के ठीक 20 दिन बाद कंपनी बनाई गई. यह रिपोर्ट 18 पन्नों की है. इससे पहले, दक्षिण पश्चिम दिल्ली के बामनोली गांव में भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर आतिशी ने एक रिपोर्ट सौंपी थी. पहले की 670 पन्नों की रिपोर्ट में भूमि अधिग्रहण के विषय में कुमार पर ‘प्रथम दृष्टया मिलीभगत' का आरोप लगाया गया था और दावा किया गया था कि संभवत: इससे हितधारकों को 897 करोड़ रुपये का लाभ हुआ होगा.
कुमार ने एक बयान में सवाल किया, "इस तरह के आरोप किस आधार पर लगाए गए हैं, खासकर जब मुख्य सचिव ने पिछले साल ही, यानी 2022 में पद संभाला है. रिपोर्ट की प्रति साझा नहीं की गई है, तो कोई किस आधार पर रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे सकता है."

कुछ गंभीर आरोप भी लग रहे...
नई रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य सचिव के तौर पर कुमार ने छह दिसंबर 2022 को एक बैठक में संस्थान में एक वर्चुअल प्रयोगशाला स्थापित करने का निर्णय लिया था. कुमार ने आईएलबीएस संचालन परिषद के अध्यक्ष के रूप में भी सेवा दी है. विभिन्न एंडोस्कोपी प्रक्रियाओं के जरिये अनुसंधान करने के लिए बनाई गई प्रयोगशाला को 14 जनवरी को कुमार द्वारा शुरू किया गया था. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि संवर्धित वास्तविकता का उपयोग करके विभिन्न एंडोस्कोपी प्रक्रियाओं पर अनुसंधान व अध्ययन करने में सहयोग करने के लिए आईएलबीएस के साथ कुमार के बेटे की कंपनी ने 24 जनवरी 2023 को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया था.

रिपोर्ट में अनियमितता को लेकर सटीक जानकारी नहीं
इस रिपोर्ट में किसी भी अनियमितता को लेकर सटीक जानकारी नहीं दी गई है. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है, "बोली लगाने की प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के बगैर और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र या आभासी वास्तविकता में योग्यता या अनुभव के बिना नामित कर कंपनी को चुना गया था. एमओयू में कंपनी को इस परियोजना के माध्यम से विकसित किसी भी ‘आईपी' के लिए संयुक्त बौद्धिक संपदा अधिकारों और इस सहयोग से तैयार होने वाले उत्पाद से भविष्य में होने वाली कमाई के मुनाफे को दोनों के बीच 50-50 प्रतिशत बांटने का प्रावधान किया गया." रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है, "प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि नरेश कुमार ने अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियमों का उल्लंघन किया है और अपने पद का इस्तेमाल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाकर अपने बेटे की कंपनी को लाभप्रद सहयोग कराने के लिए किया.

संस्थान ने अपने बयान में कहा, "आईएलबीएस पुष्टि करता है कि उसने कोई खरीद ऑर्डर जारी नहीं किया या किसी कृत्रिम मेधा सॉफ्टवेयर डेवलेपर या कंपनी को कोई भुगतान नहीं किया. ये आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और इनमें कोई दम नहीं है." लेकिन नई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यदि आईएलबीएस विशेषज्ञता और डेटाबेस को प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से वाणिज्यिक रूप से उपलब्ध कराता, तो संस्थान को काफी राजस्व प्राप्त होता. रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि इसके बजाय, इसे ‘बिना किसी अनुभव या विशेषज्ञता' वाले और सात महीने पहले स्थापित हुए स्टार्ट-अप को ‘गिफ्ट' दिया गया. सूत्रों ने बताया कि मंत्री ने अपनी रिपोर्ट में कुमार को निलंबित करने और विषय को जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को भेजने की भी सिफारिश की है.

ये भी पढ़ें :-

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
हाथरस में 121 मौतों का आखिर जिम्मेदार कौन ? NDTV पूछता है ये 7 सवाल
"मुख्‍य सचिव को तुरंत करें सस्‍पेंड": केजरीवाल सरकार ने उपराज्‍यपाल को भेजी रिपोर्ट
उजाड़ा बेटी का सुहाग....लव मैरिज से नाराज पिता ने करवाई दामाद की हत्या
Next Article
उजाड़ा बेटी का सुहाग....लव मैरिज से नाराज पिता ने करवाई दामाद की हत्या
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;