विज्ञापन
This Article is From Nov 18, 2023

सम्मान समारोह में फर्श पर बैठे पुडुचेरी के आदिवासी, अधिकारियों ने कुर्सियों पर कर लिया कब्जा

राज्यपाल सौंदरराजन ने कहा कि जैसे ही उनको पता चला कि आदिवासियों (Puducherry Tribal) के बैठने के लिए कुर्सियां नहीं हैं, उन्होंने तुरंत कुर्सियों की व्यवस्था करने के लिए कहा. इस मामले में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया है.

सम्मान समारोह में फर्श पर बैठे पुडुचेरी के आदिवासी, अधिकारियों ने कुर्सियों पर कर लिया कब्जा
पुडुचेरी में आदिवासी सम्मान समारोह
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पुडुचेरी में आदिवासियों के सम्मान में हुआ कार्यक्रम
कार्यक्रम में आदिवासियों को नहीं मिली कुर्सी
जमीन पर बैठे आदिवासी, कुर्सी पर अधिकारियों ने किया कब्जा
नई दिल्ली:

पुडुचेरी में आदिवासियों के सम्मान में एक कार्यक्रम (Puducherry Tribal Event) का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में विवाद खड़ा हो गया. दरअसल सम्मान के लिए बुलाए गए आदिवासी मेहमानों को फर्श पर बैठना पड़ा. हैरानी की बात यह है कि उनको सम्मानित करने वाले ज्यादातर अधिकारी कुर्सियों पर बैठे हुए थे. आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर पुडुचेरी सरकार ने आदिवासी दिवस समारोह का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में उपराज्यपाल, तमिलिसाई साउंडराजन, मुख्यमंत्री एन रंगासामी, स्पीकर एम्बलम आर सेल्वम और कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. 

ये भी पढ़ें-उत्तरकाशी सुरंग में 6 दिन से फंसे 40 मजदूर, 144 घंटे से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन...अब ये नई चुनौती

कार्यक्रम में आदिवासियों को नहीं मिली कुर्सी

कार्यक्रम का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बहुत से आदिवासी पुरुष और महिलाएं फर्श पर बैठे दिखाई दे रहे हैं. वहीं कुछ लोग इसका विरोध करते हुए बाहर निकलते भी दिखाई दे रहे हैं. एक शख्स यह कहता भी दिखाई दे रहा है, "उन्होंने इस समारोह पर 3 लाख रुपए खर्च किए, इसके बजाय वह आदिवासी परिवारों के लिए तीन घर बना सकते थे."एक अन्य आदिवासी शख्स ने कहा, "आप हमें यह कहकर यहां लाए हैं कि हमें पुरस्कार दिया जाएगा और आप हमारे साथ इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं? यह अपमानित करने वाला है."

राज्यपाल ने अधिकारियों को दिया नोटिस

फर्श पर बैठे लोगों के वीडियो वायरल होने के बाद, कार्यक्रम आयोजित करने वाले आदिवासी कल्याण विभाग को आदिवासियों के अपमान का दोषी ठहराया गया. सोशल मीडिया पर लोग इस घटना की आलोचना कर रहे हैं और इसे "सामाजिक न्याय की कमी" बता रहे हैं. राज्यपाल सौंदरराजन ने कहा कि जैसे ही उनको पता चला कि आदिवासियों के बैठने के लिए कुर्सियां नहीं हैं, उन्होंने तुरंत कुर्सियों की व्यवस्था करने के लिए कहा था. इस मामले में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया है. अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने बैठने की उचित व्यवस्था की थी. राज्यपाल ने कहा उनका मानना ​​है कि एक व्यक्ति का अपमान होना भी सही नहीं है. उनको इस बात का अफसोस है.  ऐसा नहीं होना चाहिए था.

ये भी पढ़ें-मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 75 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ, 1 की मौत, कुछ जगहों पर हिंसा

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे: