दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि 8 सीएम मिलकर एक प्लेटफॉर्म बना रहे हैं. यह कोई पॉलिटिकल प्लेटफॉर्म नहीं है. लगभग 8 मुख्यमंत्री, जिनसे मेरे कई राउंड की बातचीत हो चुकी है वो इससे जुड़ेंगे. यह कोई पॉलिटिकल प्लेटफॉर्म नहीं बल्कि गवर्नेंस प्लेटफॉर्म है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन है कि आज मुझे घोषित करना पड़ रहा है जबकि हम आठ लोगों को एक साथ मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी.
इसमें हमने यह तय किया कि हर महीने हम सभी आठ मुख्यमंत्री इन्ही 8 में से एक राज्य में जाएंगे और अच्छे काम देख कर आएंगे ताकि हम सीख सकें एक दूसरे से. जो लेटर लिख हुआ है वह एक तरह से डेट को फाइनल करने के लिए था कि सब से हम बात कर रहे थे सबकी अपनी व्यस्तता थी.18 और 19 मार्च की तारीख पर लगभग सब व्यस्त थे क्योंकि सब के बजट सत्र हैं. यह काम अभी प्रगति पर है और अप्रैल मिड से पहले संभव नहीं है.जैसे ही कुछ फाइनल होगा निश्चित रूप से हम आपको बताएंगे. इसका किसी फ्रंट से कोई लेना-देना नहीं यह गवर्नेंस प्लेटफॉर्म है.
गौरतलब है कि चर्चा थी कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल्द ही कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करने वाले हैं. उनके इस प्रयास को लोकसभा चुनाव से पहले थर्ड फ्रंट तैयार करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा था. अरविंद केजरीवाल आने वाले चुनाव में गैर -बीजेपी और गैर-कांग्रेस सरकार बनाने की तैयारी में जुटे हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार अरविंद केजरीवाल ने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को रात्रि भोज पर बुलाया था ताकि वो एक साथ बैठकर प्रोग्रेसिव ग्रुप तैयार करना चाहते हैं. इस बाबत उन्होंने 5 मार्च को सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र भी लिखा था. हालांकि, सूत्रों के अनुसार अरविंद केजरीवाल द्वारा मुख्यमंत्रियों को भेजे गए प्रस्ताव पर कई मुख्यमंत्रियों ने उत्सुकता नहीं दिखाई थी.
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