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This Article is From Aug 01, 2020

अरुण शौरी, प्रशांत भूषण और एन राम ने अवमानना के प्रावधान को दी चुनौती

अरुण शौरी (Arun Shauri) और वरिष्ठ पत्रकार एन राम (N Ram),  प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अदालत की अवमानना के प्रावधान को चुनौती दी है.

अरुण शौरी, प्रशांत भूषण और एन राम ने अवमानना के प्रावधान को दी चुनौती
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अधिनियम असंवैधानिक है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

अरुण शौरी (Arun Shauri) और वरिष्ठ पत्रकार एन राम (N Ram),  प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अदालत की अवमानना के प्रावधान को चुनौती दी है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अधिनियम असंवैधानिक है और संविधान की मूल संरचना के खिलाफ है. उनके अनुसार ये संविधान द्वारा प्रदत्त बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और समानता की स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है. याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत अदालत की अवमानना ​​अधिनियम 1971 के कुछ प्रावधानों को रद्द कर दे. याचिका में तर्क दिया गया है कि लागू उप-धारा असंवैधानिक है क्योंकि यह संविधान के प्रस्तावना मूल्यों और बुनियादी विशेषताओं के साथ असंगत है. 

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यह अनुच्छेद 19 (1) (ए) का उल्लंघन करता है, असंवैधानिक और अस्पष्ट है, और मनमाना है. शीर्ष अदालत को अवमानना ​​अधिनियम की धारा 2 (सी) (i)  को संविधान के अनुच्छेद 19 और 14 का उल्लंघन करने वाली घोषित करना चाहिए. 

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दरअसल शीर्ष अदालत ने वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू की है. इस मामले को 4 अगस्त को सुना जाएगा. कई पूर्व जजों  ने शीर्ष अदालत के कदम का विरोध किया और चाहते है कि अदालत भूषण के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही छोड़ दे.

 
 

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