कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में कहा कि भारतीय संविधान में सिर्फ अनुच्छेद 370 ही नहीं है, अनुच्छेद 371 एक से आई तक भी है. इसके तहत असम, नगालैंड, मणिपुर, सिक्किम इत्यादि को विशेष दर्जा प्रदान किया गया है. मनीष तिवारी ने कहा कि आज आप अनुच्छेद 370 समाप्त कर रहे हैं, इससे आप पूर्वोत्तर के राज्यों को क्या संदेश देना चाहते हैं? आज जो संसद में हो रहा है वह संवैधानिक त्रासदी है. इससे पहले आज लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन बिल पेश किया और इस बिल पर लोकसभा में चर्चा की शुरूआत की. अमित शाह ने बिल पेश करते हुए कहा कि अगर किसी को कोई आपत्ति होगी तो उसका हम जवाब देंगे.
#WATCH Adhir Ranjan Chowdhury, Congress, in Lok Sabha: You say that it is an internal matter. But it is being monitored since 1948 by the UN, is that an internal matter? We signed Shimla Agreement & Lahore Declaration, what that an internal matter or bilateral? pic.twitter.com/RNyUFTPzca
— ANI (@ANI) August 6, 2019
कांग्रेस की ओर से अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जो अनुच्छेद 370 को हटाया जा रहा है वह नियम के खिलाफ है. संविधान के खिलाफ है. रातों रात नियमों की अनदेखी की जा रही है. ऐसे में अमित शाह ने पूछा कि किस नियम की अनदेखी हो रही है. अधीर रंजन चौधरी का कहना था कि यह मामला यून में है ऐसे में हमें यह कदम नहीं उठाना चाहिए. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के इस बयान पर गृहमंत्री अमित शाह ने सवाल खड़े कर दिए और पूछा कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को देश का आंतरिक मामला नहीं मानती है? अमित शाह ने कहा कि जब देश जम्मू-कश्मीर की बात करता है तो उसमें पीओके और अक्साई चीन भी शामिल है.
जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन बिल पर चर्चा करते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि कल आप अनुच्छेद 371 को भी हटा देंगे? पूर्वोत्तर के राज्यों पर राष्ट्रपति शासन लगा कर, उसकी विधायि शक्तियों को संसद में उपयोग करके, आप अनुच्छेद 371 को भी समाप्त कर देंगे. आप देश में किस तरीके की संवैधानिक मिशाल पेश करना चाहते हैं? कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि 70 वर्षों में कई बार हमलोगों ने केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य का दर्जा देने की मांग की थी लेकिन अब तक इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदला जा रहा है.
Manish Tewari: That you can revoke Article 371 tomorrow? By imposing President's rule in the north eastern states, and using the rights of their Assemblies in the Parliament, you can scrap Article 371 too? What kind of Constitutional Precedent are you setting in the country? https://t.co/7olq8LnROO
— ANI (@ANI) August 6, 2019
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद दिल्ली मेट्रो, हरियाणा-हिमाचल और मथुरा-नोएडा में हाई अलर्ट
बिल को कांग्रेस ने संवैधानिक त्रासदी बताया, अमित शाह ने कहा- जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग
DMK MP, Dayanidhi Maran in Lok Sabha: Mr Farooq Abdullah, a member of this House is missing. He is arrested. We have no intimation. You as a Speaker should protect the members. You should be neutral. pic.twitter.com/rxvBHBwGHH
— ANI (@ANI) August 6, 2019
इससे पहले 5 अगस्त को राज्य सभा में जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने तीन महत्वपूर्ण घोषणा की. पहली घोषणा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने की थी. दूसरी घोषणा लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग करने की थी और तीसरी घोषणा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश की थी. अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही जम्मू-कश्मीर भारत के किसी दूसरे प्रदेश की तरह ही हो जाएगा. वहां से दोहरी नागरिकता जैसे प्रावधान खत्म हो जाएंगे.
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कश्मीर जाने के लिए एयर टिकट ही करेगा पास का काम
VIDEO: लोकसभा में पेश हुआ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल
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