
पूर्व खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर का भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने निर्वाचन मंडल से उनकी अयोग्यता पर रोक लगा दी और बीएफआई को उनकी उम्मीदवारी के लिए नामांकन की तिथि बढ़ाने का निर्देश दिया. हमीरपुर से लोकसभा सांसद ठाकुर को बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह के आदेश से 7 मार्च को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया गया था. आदेश में कहा गया था कि सिर्फ चुने हुए सदस्य ही चुनावी प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं.
ठाकुर हिमाचल प्रदेश मुक्केबाजी संघ का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे और उन्हें चुनकर आया सदस्य नहीं होने के कारण अयोग्य करार दिया गया था. हिमाचल हाई कोर्ट के जस्टिस अजय मोहन गोयल ने हालांकि गुरुवार को फैसला सुनाया कि 13 मार्च को निर्वाचन अधिकारी आर के गॉबा द्वारा अनुमोदित निर्वाचन मंडल ‘प्रथम दृष्टया खराब है और कानून की नजर में टिकने योग्य नहीं है. इसमें ठाकुर को शामिल नहीं किया गया था.
इसमें कहा गया, 'इस परिप्रेक्ष्य में सुविधा का संतुलन भी याचिकाकर्ताओं के पक्ष में है और यदि अंतरिम राहत प्रदान नहीं की जाती है, तो उन्हें अपूरणीय क्षति होगी।' इसमें आगे कहा गया, 'अंतरिम उपाय के रूप में, यह न्यायालय दिनांक सात मार्च 2025 के नोटिस के संचालन पर रोक लगाता है, साथ ही दो नामित सदस्यों में से एक यानी अनुराग सिंह ठाकुर के नामांकन को अस्वीकार करने के आदेश पर भी रोक लगाई जाती है.
बीएफआई प्रमुख ने कहा कि 34 पन्नों का आदेश पढने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. सिंह ने कहा, 'हम आदेश का अध्ययन कर रहे हैं और कानूनी सलाह के बाद इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.अदालत ने बीएफआई को निर्देश दिया कि ठाकुर और एचपीबीए के अधिकारी राजेश भंडारी के नामांकन को निर्वाचक मंडल में वैध नामांकन के रूप में देखा जाए.
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