संसद पर हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
नई दिल्ली:
संसद पर आतंकी हमले की बरसी के अवसर पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि मोदी सरकार का रुख आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का है। सिंह ने संसद पर हमले की 14वीं बरसी के मौके पर संसद की सुरक्षा करते हुए सर्वस्व बलिदान करने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
शहीदों को श्रद्धांजलि दी
सिंह ने अपने संदेश में कहा, ‘ हमारी सरकार ने आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने का रुख अपनाया है। हम भारत को और सुरक्षित देश बनाने को प्रतिबद्ध हैं। ’ 14 वर्ष पहले संसद पर हुए हमले को नाकाम करने के प्रयास में अपना बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्र उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने कहा, ‘ मैं बहादुरी और पराक्रम का प्रदर्शन करने वाले इन वीर सुरक्षाकर्मियों को सलाम करता हूं। देश उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।’
13 दिसंबर 2001 को हुआ था आतंकी हमला
उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर 2001 को हथियारों से लैस पांच आतंकवादी संसद भवन परिसर में घुस आए थे और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी। इस घटना में दिल्ली पुलिस के पांच सुरक्षाकर्मी नानक चंद, रामपाल, ओमप्रकाश, बिजेन्द्र सिंह और घनश्याम, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला कांस्टेबल कमलेश कुमारी और संसद सुरक्षा के दो सुरक्षा सहायक जगदीश प्रसाद यादव और मातबर सिंह नेगी हमलावरों का बहादुरी से सामना करते हुए शहीद हो गए थे। इस हमले में एक कर्मचारी देशराज भी शहीद हुए थे। पांचों हमलावर आतंकी मार गिराए गए थे।
शहीदों को श्रद्धांजलि दी
सिंह ने अपने संदेश में कहा, ‘ हमारी सरकार ने आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने का रुख अपनाया है। हम भारत को और सुरक्षित देश बनाने को प्रतिबद्ध हैं। ’ 14 वर्ष पहले संसद पर हुए हमले को नाकाम करने के प्रयास में अपना बलिदान देने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्र उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। उन्होंने कहा, ‘ मैं बहादुरी और पराक्रम का प्रदर्शन करने वाले इन वीर सुरक्षाकर्मियों को सलाम करता हूं। देश उनके सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।’
13 दिसंबर 2001 को हुआ था आतंकी हमला
उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर 2001 को हथियारों से लैस पांच आतंकवादी संसद भवन परिसर में घुस आए थे और अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी। इस घटना में दिल्ली पुलिस के पांच सुरक्षाकर्मी नानक चंद, रामपाल, ओमप्रकाश, बिजेन्द्र सिंह और घनश्याम, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला कांस्टेबल कमलेश कुमारी और संसद सुरक्षा के दो सुरक्षा सहायक जगदीश प्रसाद यादव और मातबर सिंह नेगी हमलावरों का बहादुरी से सामना करते हुए शहीद हो गए थे। इस हमले में एक कर्मचारी देशराज भी शहीद हुए थे। पांचों हमलावर आतंकी मार गिराए गए थे।
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