नई दिल्ली:
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने टीम में मतभेदों की अटकलों के बीच शनिवार को होने वाली इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) की कोर कमेटी की बैठक में 'स्वास्थ्य कारणों' से शामिल नहीं होने की बात कही है, वहीं कोर कमेटी के एक सदस्य कुमार विश्वास ने इसे भंग कर इसकी जगह बड़ी समिति बनाने का सुझाव दिया है। इस बीच, अन्ना हजारे के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि चूंकि आईएसी एक पंजीकृत संगठन नहीं है, इसलिए इसके नाम पर बैंक खाते नहीं खुल सकते। मौन व्रत पर चल रहे अन्ना हजारे के एक सहयोगी ने रालेगण सिद्धि में बताया कि वह गाजियाबाद में होने वाली आईएसी की कोर कमेटी की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे, क्योंकि उनका 'स्वास्थ्य' ठीक नहीं है। गुरुवार को अन्ना हजारे ने अपने ब्लॉग पर लिखा था, "मेरा स्वास्थ्य अब भी मुझे मौन व्रत तोड़ने की अनुमति नहीं देता। मेरे पैर में अब भी सूजन है और घुटने मुझे परेशान कर रहे हैं।" अन्ना हजारे के अतिरिक्त आईएसी की कोर कमेटी के दो अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों- संतोष हेगड़े और मेधा पाटकर ने भी अलग-अलग कारणों से गाजियाबाद में होने वाली बैठक में शामिल नहीं होने की बात कही है। टेलीविजन चैनल से बातचीत में पाटकर ने कहा कि वह बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी। लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी मुद्दों पर स्वतंत्र तथा निष्पक्ष ढंग से चर्चा होगी। उधर, बेंगलुरू में संवाददाताओं से बातचीत में हेगड़े ने कहा कि मुम्बई में व्यक्तिगत व्यस्तताओं की वजह से वह बैठक में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अन्ना की वास्तविक ताकत आम लोग हैं, न कि कोर कमेटी के कुछ सदस्य। उन्होंने खुद को टीम अन्ना के साथ बताया, लेकिन केवल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और प्रभावी लोकपाल को लेकर। उन्होंने साफ कहा, "इस मुद्दे के अतिरिक्त मैं किसी भी व्यक्ति के साथ नहीं हूं।" यह बैठक आईएसी के सदस्यों अरविंद केजरीवाल तथा किरण बेदी के खिलाफ लगे वित्तीय अनियमितता के आरोपों और प्रशांत भूषण द्वारा कश्मीर में जनमत संग्रह के समर्थन में दिए गए बयान तथा उसके बाद उनके खिलाफ हुए हमले पर चर्चा के लिए बुलाई गई है। इस बीच, विश्वास ने अन्ना हजारे को पत्र लिखकर कोर कमेटी को भंग कर इसके स्थान पर नई समिति बनाने की सलाह दी है। उनके अनुसार, "अधिकतर समय कोर कमेटी के खिलाफ लगने वाले आरोपों का जवाब देने में जाया हो रहा है। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि मौजूदा कोर कमेटी को भंग कर दें और इसके स्थान पर नई समिति बनाएं।" वहीं, केजरीवाल ने अगस्त में जनलोकपाल विधेयक की मांग को लेकर रामलीला मैदान में अन्ना हजारे के 12 दिन के अनशन के दौरान जनता से अनुदान के रूप में मिले 70-80 लाख रुपये अपने ट्रस्ट पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन के लिए लेने के आरोपों के जवाब में आईएएनएस से कहा कि आईएसी आंदोलन है, पंजीकृत संगठन नहीं और इसलिए इसके नाम पर बैंक खाता नहीं खुल सकता।