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लखनऊ में कांग्रेस के होली मिलन समारोह के रंग में पड़ा भंग, जानिए क्यों हो गया क्लेश

लखनऊ में आयोजित कांग्रेस के होली मिलन समारोह में कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे की गाड़ी को घेर लिया और उसे रोककर जमकर नारेबाजी की.

लखनऊ में कांग्रेस के होली मिलन समारोह के रंग में पड़ा भंग, जानिए क्यों हो गया क्लेश
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे की गाड़ी को घेरकर प्रदर्शन किया.
नई दिल्‍ली :

देश भर में हाल ही में होली का त्‍योहार मनाया गया और अब जगह-जगह पर होली मिलन समारोह का आयोजन किया जा रहा है. हालांकि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का होली मिलन समारोह किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा. लखनऊ में आयोजित पार्टी के होली मिलन समारोह के रंग में उस वक्‍त भंग पड़ गया जब जिला अध्‍यक्षों की नियुक्ति से नाराज कार्यकर्ताओं ने जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता इतने नाराज थे कि उन्‍होंने कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे की गाड़ी को घेरा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के सहयोगी पर भ्रष्टाचार का आरोप जड़ दिया. 

लखनऊ में कांग्रेस का होली मिलन समारोह में बड़ी संख्‍या में पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता जुटे. इस दौरान सभी ने एक-दूसरे को रंग लगाया और एक दूसरे से के साथ मजाक-मस्‍ती भी करते नजर आए. हालांकि हाल ही में जिला अध्‍यक्षों की नियुक्ति से नाराज कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस मुख्‍यालय के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. 

कांग्रेस महासचिव की गाड़ी का घेराव

यहां तक की कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे की गाड़ी को घेर लिया और उसे रोककर के जमकर नारेबाजी की. किसी तरह से कांग्रेस महासचिव पार्टी ऑफिस से बाहर निकले. कार्यकर्ताओं में कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष अजय राय के खिलाफ भी नाराजगी देखने को मिली. उन्‍होंने राय के सहयोगी पर जिला अध्‍यक्षों की नियुक्ति में भ्रष्‍टाचार का आरोप लगाया. 

'हम सिर्फ जश्‍न मनाने नहीं आए' 

कांग्रेस की एक कार्यकर्ता ने कहा, "हम होली मिलन समारोह में सिर्फ जश्न मनाने के लिए नहीं आए थे. हम अपनी चिंता व्यक्त करने आए थे क्योंकि अगर हम खुश नहीं हैं तो जश्न कैसे मना सकते हैं? हम यहां जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के खिलाफ अपनी आवाज उठाने आए हैं. यहां के 90 प्रतिशत कांग्रेस कार्यकर्ता इन नियुक्तियों से असहमत हैं. हमारा मानना ​​है कि नेतृत्व की भूमिकाएं उन लोगों को दी जानी चाहिए जो बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और पार्टी में योगदान देते हैं. हालांकि जब पार्टी से कोई वास्तविक संबंध नहीं रखने वाले किसी शख्‍स को अचानक नियुक्त किया जाता है तो हमारे लिए चिंतित होना स्वाभाविक है."

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