पिछले 9 दिनों से एम्स दिल्ली के छात्र हड़ताल पर हैं. लेकिन एम्स प्रशासन की तरफ से उनकी सुनवाई नहीं हुई है. बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री कर रहे छात्र अपने एक साथी की मौत के बाद से आक्रोशित हैं. छात्र भेदभाव बरतने और दोषी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अब तक रिले भूख हड़ताल कर रहे थे. लेकिन अब उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की शुरुआत कर दी है. ऑप्टोमेट्री छात्र संघ ने आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने छात्र को एंबुलेंस मुहैया कराने से इनकार कर दिया था जिससे उसकी मौत हो गई थी.
गौरतलब है कि ऑप्टोमेट्री के प्रथम वर्ष के छात्र अभिषेक मालवीय की 13 अगस्त को मौत हो गई थी. संघ के सदस्य मौत के दिन ही यह दावा करते हुए हड़ताल पर बैठ गए थे कि मालवीय को एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं कराई गई, क्योंकि वह छात्रावास में नहीं रह रहे थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि एम्स के अधिकारी पैरामेडिकल छात्रों को छात्रावास की सुविधा नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण एम्स के आपातकालीन विभाग तक पहुंचने में दो से तीन घंटे लग गए, जहां उनकी स्थिति को ‘‘गंभीर'' घोषित कर दिया गया.
संघ ने अपने बयान में दावा किया कि अभिषेक अगर छात्रावास रहे होते तो बच जाते. एम्स प्रशासन ने कहा कि एम्स, नयी दिल्ली में छात्रों की संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है और छात्रावासों की कमी है.
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