आंध्र प्रदेश सीआईडी ने 330 करोड़ रुपये की फाइबरनेट परियोजना घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ एक नयी प्राथमिकी दर्ज करने के बाद अदालत से उनके विरुद्ध नया वारंट जारी करने का अनुरोध किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आरोप है कि नायडू ने निविदा के नियमों का उल्लंघन कर परियोजना में एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाया.
अधिकारियों ने कहा कि अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत के समक्ष आरोप लगाया है कि नायडू ने व्यक्तिगत रूप से फाइबरनेट परियोजना को सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के बजाय ऊर्जा आई एंड आई विभाग द्वारा निष्पादित करने की सिफारिश की थी.
एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आपराधिक पृष्ठभूमि के बावजूद नायडू ने व्यक्तिगत रूप से वेमुरी हरिकृष्ण प्रसाद को शासी परिषद-शासी प्राधिकरण के सदस्य के रूप में नियुक्त कराया.
सीआईडी ने आरोप लगाया है कि नायडू ने बाजार सर्वेक्षण कराए बिना परियोजना के परिव्यय को मंजूरी दे दी.
इस बीच, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने कौशल विकास निगम घोटाला मामले में पुलिस द्वारा नायडू खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करने वाली उनकी याचिका पर मंगलवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.
तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख नायडू को कौशल विकास निगम के धन के कथित दुरुपयोग से जुड़े मामले में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि इससे राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था.
नायडू फिलहाल राजमहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में बंद हैं.
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