मंत्रियों और पार्टी प्रवक्ताओं की मुलाकात करा रही है बीजेपी
नई दिल्ली:
पांच राज्यों में चुनाव से पहले केंद्र में सत्ता में बैठी बीजेपी अपनी छवि सुधारने की कोशिशों में जुटती हुई दिख रही है। इसके तहत केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी प्रवक्ताओं के बीच मुलाकातों का दौरा शुरू हो गया है।
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को प्रवक्ताओं से मुलाकात की और मंगलवार को मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी भी ऐसी ही एक मुलाकात करेंगी। सूत्रों के अनुसार सभी पार्टी प्रवक्ताओं की इसी तरह से नियमित तौर पर वरिष्ठ मंत्रियों के साथ क्लास लगेगी। खासतौर पर उन पांच राज्यों के प्रवक्ताओं की जहां इस साल चुनाव होने तय हैं।
इन मुलाकातों में मंत्री प्रवक्ताओं को अपने कार्यों के बारे में जानकारी देंगे और प्रवक्ता भी मंत्रियों को अपनी तरफ से राय देने का काम करेंगे। दिल्ली और बिहार में बुरी तरह हारने के बाद बीजेपी का मानना है कि इस एक्सरसाइज से पार्टी को फायदा होगा।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी की इस पहल से प्रवक्ता किसी भी मंत्री से संबंधित सवालों के जवाब देने में और भी सक्षम होंगे। इससे वे सरकार के कार्यों को सही तरीके से सामने रख पाएंगे और विरोधियों के हमलों का जवाब भी दे पाएंगे। पार्टी की गुड गवर्नेंस सेल ने यह पहल शुरू की है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली तो इस तरह की मुलाकातों के अभ्यस्त हो चुके हैं। वे पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से पार्टी प्रवक्ताओं से बात करते आ रहे हैं। पिछले साल भी उन्होंने बजट से ठीक पहले पार्टी प्रवक्ताओं से मुलाकात करके उनसे बात की थी कि विपक्ष के उठाए मुद्दों का जवाब कैसे देना है।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि हर प्रवक्ता अच्छी तरह से तैयार हो और जो भी बात कहें वह पूरी जांच-परख के साथ कहें। बता दें कि पिछले साल बिहार चुनाव में पीएम मोदी के हाई-वोल्टेज प्रचार के बावजूत पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।
अब एक बार फिर पार्टी के सामने सरकार के कार्यों और छवि का सवाल है। इस साल पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में चुनाव होने हैं।
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को प्रवक्ताओं से मुलाकात की और मंगलवार को मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी भी ऐसी ही एक मुलाकात करेंगी। सूत्रों के अनुसार सभी पार्टी प्रवक्ताओं की इसी तरह से नियमित तौर पर वरिष्ठ मंत्रियों के साथ क्लास लगेगी। खासतौर पर उन पांच राज्यों के प्रवक्ताओं की जहां इस साल चुनाव होने तय हैं।
इन मुलाकातों में मंत्री प्रवक्ताओं को अपने कार्यों के बारे में जानकारी देंगे और प्रवक्ता भी मंत्रियों को अपनी तरफ से राय देने का काम करेंगे। दिल्ली और बिहार में बुरी तरह हारने के बाद बीजेपी का मानना है कि इस एक्सरसाइज से पार्टी को फायदा होगा।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी की इस पहल से प्रवक्ता किसी भी मंत्री से संबंधित सवालों के जवाब देने में और भी सक्षम होंगे। इससे वे सरकार के कार्यों को सही तरीके से सामने रख पाएंगे और विरोधियों के हमलों का जवाब भी दे पाएंगे। पार्टी की गुड गवर्नेंस सेल ने यह पहल शुरू की है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली तो इस तरह की मुलाकातों के अभ्यस्त हो चुके हैं। वे पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से पार्टी प्रवक्ताओं से बात करते आ रहे हैं। पिछले साल भी उन्होंने बजट से ठीक पहले पार्टी प्रवक्ताओं से मुलाकात करके उनसे बात की थी कि विपक्ष के उठाए मुद्दों का जवाब कैसे देना है।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि हर प्रवक्ता अच्छी तरह से तैयार हो और जो भी बात कहें वह पूरी जांच-परख के साथ कहें। बता दें कि पिछले साल बिहार चुनाव में पीएम मोदी के हाई-वोल्टेज प्रचार के बावजूत पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।
अब एक बार फिर पार्टी के सामने सरकार के कार्यों और छवि का सवाल है। इस साल पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुदुच्चेरी में चुनाव होने हैं।
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