"अमित शाह का भाषण एक कॉमेडी शो लग रहा था", गृहमंत्री की रैली पर तेजस्वी यादव की टिप्पणी

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि आज बिहार के साथ भेदभाव किया जा रहा है. शिक्षा विभाग में पैसा नहीं दिया जा रहा है, ग्रामीण सड़कों के लिए पैसा नहीं दिया जा रहा है. इन लोगों के पास कुछ है नहीं बोलने का.

नई दिल्ली:

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने गृहमंत्री अमित शाह की पूर्णिया में हुई रैली को लेकर टिप्पणी की है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि गृहमंत्री अपनी रैली के दौरान जिस भाषा और शैली का इस्तेमाल कर रहे थे, लग रहा था कि मैं भाषण नहीं बल्कि कोई कॉमेडी शो देख रहा हूं. तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि अमित शाह ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देंगे या नहीं इसपर कोई बात नहीं की. उन्होंने तो रोजगार, महंगाई जैस मुद्दों पर भी कुछ नहीं बोला. मैंने तो पहले ही कहा था झूठ में माहौल गड़बड़ करने की कोशिश करेंगे और कहेंगे की जंगल राज है. मैं उनसे सिर्फ इतना पूछना चाहता हूं कि अमित शाह जी आप जहां दिल्ली में बैठते हैं वहां क्राइम सबसे ज्यादा है. दिल्ली में क्राइम बिहार से कहीं ज्यादा है. आप जहां रहते हैं जब वहां के लोग ही सुरक्षित नहीं है तो आप बिहार के लोगों को सुरक्षा कैसे देंगे. आप सिर्फ यहां आकर बिहार के लोगों को बेवकूफ बनाते हैं. आप कहते हैं बिहार को नंबर वन बना देंगे लेकिन जब आपकी डबन इंजन की सरकार यहां थी तो आपने राज्य को नंबर वन क्यों नहीं बनाया. 

तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि आज बिहार के साथ भेदभाव किया जा रहा है. शिक्षा विभाग में पैसा नहीं दिया जा रहा है, ग्रामीण सड़कों के लिए पैसा नहीं दिया जा रहा है. इन लोगों के पास कुछ है नहीं बोलने का. वो जब भाषण दे रहे थे ऐसा कहीं से नहीं लग रहा था कि देश का गृहमंत्री बोल रहा हो. मैं नहीं बताना चाहता कि आखिर वो क्या लग रहे थे. 

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बता दें कि गृह मंत्री के बिहार दौरे पर तेजस्वी यादव हमलावर है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि क्या उनके आने का मकसद सिर्फ समाज में तनाव पैदा करना है या वे बिहार को विशेष राज्य का दर्जा भी देंगे, जो 2014 में मोदी जी ने पूर्णिया की रैली में वादा किया था, क्या वे निभाएंगे. हमलोग इतना ही चाहते हैं कि अगर अमित शाह आ रहे हैं, देश के गृह मंत्री हैं तो बताइए कि बिहार को विशेष दर्जा दीजिएगा की नहीं. आप बताओ विशेष पैकेज दोगे या नहीं. सबके मन में एक बात है कि आने का मकसद क्या है. आने का तो यही मकसद है ना, समाज में जहर बोना है. एक-दूसरे में हलचल पैदा करना है. बेकार की बातें करनी है. उल जलूल बात कहेंगे, यही कहेंगे ना जंगल राज आ गया. यही बोलेंगे और क्या बोलेंगे.