"अमित शाह चार दिनों तक मणिपुर में थे, शांति बहाली के लिए हरसंभव कदम उठाया" : अनुराग ठाकुर

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "संसद चल ​​रही है. विपक्ष से अनुरोध है कि वे संसद में आएं, चर्चा में भाग लें, अपने विचार रखें और सच सुनने का भी साहस रखें."

अनुराग ठाकुर ने कहा कि विपक्ष को राजनीति करने के बजाय चर्चा में भाग लेना चाहिए. (फाइल) 

नई दिल्ली:

केंद्रीय खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को विपक्षी दलों के इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस (Indian National Developmental Inclusive Alliance) के प्रतिनिधिमंडल पर कटाक्ष किया और पूछा कि वे मणिपुर मुद्दे पर चर्चा से क्यों भाग रहे हैं. अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, "हम पहले दिन से ही मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया है. मेरा सवाल है कि विपक्ष इससे क्यों भाग रहा है. मैं विपक्ष से कहना चाहता हूं कि वे मणिपुर की दो दिवसीय यात्रा के अनुभव को साझा करने और चर्चा में भाग लें.” उल्‍लेखनीय है कि विपक्षी गठबंधन का 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचा था, जहां 3 मई के बाद से जातीय संघर्ष और हिंसा देखी जा रही है. 

इसके साथ ही ठाकुर ने कहा, "कांग्रेस शासन तब विफल साबित हुआ जब मणिपुर में हजारों लोग मारे गए. उस समय न तो इंदिरा जी (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) और न ही राजीव जी (पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी) ने कोई बयान दिया. वे (विपक्ष) हमसे बयान कैसे मांग रहे हैं?"

उन्होंने कहा, "केंद्रीय गृह मंत्री चार दिनों तक मणिपुर में थे. हमने मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए हरसंभव कदम उठाया. विपक्ष को सुर्खियों में बने रहने के लिए अराजकता नहीं फैलानी चाहिए. उसे राजनीति करने के बजाय चर्चा में भाग लेना चाहिए." 

मणिपुर हिंसा पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की टिप्पणी पर बोलते हुए ठाकुर ने कहा, "कृपया बंगाल की स्थिति के बारे में भी जागरूक रहें. आपको बंगाल से चुनाव लड़ना है. मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि क्या बंगाल में 'सब ठीक है'. उनके पास बंगाल में महिलाओं की दुर्दशा सुनने का समय नहीं है."

इससे पहले, चौधरी ने रविवार को कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों ने मणिपुर में लोगों की दुर्दशा को अनसुना कर दिया है.  

केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने कहा, "संसद चल ​​रही है. विपक्ष से अनुरोध है कि वे संसद में आएं, चर्चा में भाग लें, अपने विचार रखें और सच सुनने का भी साहस रखें."

बता दें कि दोनों सदनों के 21 सदस्यीय विपक्षी प्रतिनिधिमंडल में अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, के सुरेश और कांग्रेस के फूलो देवी नेताम शामिल थे. साथ ही जदयू के राजीव रंजन ललन सिंह, तृणमूल कांग्रेस से सुष्मिता देव, डीएमके से कनिमोझी, CPI के संतोष कुमार, माकपा से एए रहीम, राजद के मनोज कुमार झा, सपा के जावेद अली खान, झामुमो की महुआ माझी, एनसीपी के पीपी मोहम्मद फैजल, जेडीयू के अनिल प्रसाद हेगड़े, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, AAP के सुशील गुप्ता, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, वीसीके के डी रविकुमार, वीसीके के थिरु थोल थिरुमावलवन और RLD के जयंत सिंह भी शामिल थे.  

गौरतलब है कि 20 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत के बाद से ही विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. से जुड़े सांसद मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विस्तृत चर्चा और बयान की मांग कर रहे हैं. वहीं सरकार का कहना है कि वह इस पर चर्चा कराने को तैयार है. 

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