केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछले वीकेंड भारत में रिलीज हुई 'ओपेनहाइमर' फिल्म में 'आपत्तिजनक' दृश्यों को लेकर आज फिल्म प्रमाणन संस्था, जिसे लोकप्रिय रूप से सेंसर बोर्ड कहा जाता है, की खिंचाई की. सूत्रों ने बताया कि अनुराग ठाकुर फिल्म के एक दृश्य को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से नाराज हैं, जहां एक महिला यौन संबंध बनाते समय हिंदू धार्मिक ग्रंथ भगवद् गीता का पाठ करती हुई दिखाई देती है.
अनुराग ठाकुर ने 'आपत्तिजनक' दृश्यों को हटाने के लिए कहा है. साथ ही पूछा है कि ये सीन कैसे पास हुआ? सूत्रों की मानें तो कुछ ज़िम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.
भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने 'सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन' की एक प्रेस विज्ञप्ति साझा करते हुए कहा, "कोई भी हैरान है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) इस दृश्य के साथ फिल्म को कैसे मंजूरी दे सकता है."
ओपेनहाइमर क्रिस्टोफर नोलन द्वारा निर्देशित आर-रेटिंग वाली पहली फिल्म है, लेकिन स्टूडियो द्वारा इसकी लंबाई कम करने के लिए सेक्स सीन के कुछ शॉट्स काटने के बाद भारत के सेंसर बोर्ड ने फिल्म को यू/ए रेटिंग दी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कट्स स्टूडियो ने खुद ही इन सीन्स को हटाया, क्योंकि उन्हें नहीं लगा था कि सेंसर बोर्ड इस सीन की इजाजत देगा.
फिल्म को समीक्षकों से शानदार रेटिंग दी है. एनडीटीवी के लिए अपनी समीक्षा में फिल्म समीक्षक सैबल चटर्जी ने फिल्म को 5 में से 4.5 स्टार दिए और उन्होंने लिखा- ओपेनहाइमर मानवीय प्रयास और महत्वाकांक्षा की सीमाओं की परीक्षा का एक उत्कृष्ट संयोजन है.
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