आपराधिक कानून (Criminal law) और प्रौद्योगिकी (Technology) को हमेशा परस्पर अनन्य क्षेत्रों के रूप में देखा गया है, लेकिन कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) और प्रौद्योगिकी के विकास के साथ, अपराध पैटर्न को फिर से परिभाषित किया गया है. दिल्ली में इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन 2023 के दौरान शीर्ष पुलिस अधिकारियों द्वारा नए कानूनों और उनके साथ बदलती गतिशीलता के अलावा, इन पर चर्चा की गई.
गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक की अध्यक्षता की और देश के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को त्वरित न्याय वितरण और नागरिकों के लिए संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए एआई, बदलते कानूनों, फोरेंसिक उपयोग जैसी नई प्रौद्योगिकियों पर आधारित आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए काम करने का निर्देश दिया.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "गृह मंत्री ने विशेष रूप से पुलिसिंग में आधुनिक तकनीक के उपयोग पर जोर दिया और निचले पुलिस रैंक से लेकर उच्च संरचनाओं तक इसे लागू करने का सुझाव दिया." उनके अनुसार, गृह मंत्री ने नए कानूनों के अनुसार संपूर्ण आपराधिक न्याय प्रणाली को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. अमित शाह ने जांच और अभियोजन की पूरी प्रक्रिया में डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग के महत्व को रेखांकित किया.
बैठक में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने कहा, "उन्होंने संशोधित आपराधिक न्याय प्रणाली की भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी के नेतृत्व वाली पुलिस व्यवस्था शुरू करने की पहल का आह्वान किया." एएक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "आज की दुनिया में, एआई की पूर्वानुमानित प्रकृति (Predictive Nature) के कारण, यह अपराध विज्ञान, कानून और फोरेंसिक में तेजी से लोकप्रिय हो गया है. आज, कानून प्रवर्तन में एल्गोरिथम जोखिम आकलन का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को इस पूर्वानुमानित मूल्यांकन से एक कदम आगे रहने की जरूरत है, इसलिए इस संबंध में भी चर्चा हुई.''
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