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ये जनता और सरकार के बीच विश्वास का नया युग... GST सुधारों को लेकर NDTV से बोले अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जीएसटी सुधारों से भारत के लोगों को विश्वास होगा कि यह टैक्स 'सरकार की आय बढ़ाने के लिए नहीं' बल्कि 'देश चलाने' के लिए है.

  • अमित शाह ने 22 सितंबर से लागू नए GST स्लैब को विश्वास पर आधारित टैक्स सिस्टम बताया, जो उत्पादन और खपत बढ़ाएगा
  • उन्होंने कहा कि विपक्ष ने GST को बदनाम किया, इसे लागू करने में असफल रहा, जबकि मोदी सरकार ने इसे सफल बनाया
  • नए GST स्लैब में टैक्स दरों को घटाकर दो स्लैब पांच प्रतिशत और अठारह प्रतिशत किया गया है जो सबसे बड़ा सुधार है
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नई दिल्ली:

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि 22 सितंबर से लागू हुआ नया जीएसटी स्लैब एक 'विश्वास पर आधारित टैक्स सिस्टम' है. जो देश में उत्पादन और खपत दोनों को बढ़ाएगा. एनडीटीवी के एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल से बात करते हुए, अमित शाह ने कहा कि जनता और सरकार के बीच 'आपसी विश्वास का एक नया युग' आएगा.

उन्होंने कहा, "बिजली, सीमेंट, दैनिक खाद्य उपभोग, स्वास्थ्य सेवा, बीमा, ऑटोमोबाइल, कार, ट्रक, ट्रैक्टर और कृषि में इस्तेमाल होने वाले सभी उत्पाद सस्ते हो गए हैं, ये एक बहुत बड़ा फैसला है. लोगों को आज से लाभ मिलना शुरू हो गया है. मेरा मानना ​​है कि इससे उत्पादन और खपत बढ़ेगा. देश में एक विश्वास-आधारित टैक्स सिस्टम होगा."

गृह मंत्री के अनुसार, जीएसटी सुधारों से भारत के लोगों को विश्वास होगा कि यह टैक्स 'सरकार की आय बढ़ाने के लिए नहीं' बल्कि 'देश चलाने' के लिए है.

अमित शाह ने कहा, "जब भी टैक्स में वृद्धि होती है, सरकार उसे कम करती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बड़ा फैसला लिया है. देश के 1.3 अरब लोगों में यह विश्वास पैदा होगा कि टैक्स सरकार की आय बढ़ाने के लिए नहीं है, बल्कि देश चलाने के लिए है. मेरा मानना ​​है कि ऋणदाता और सरकार के बीच आपसी विश्वास का एक नया युग शुरू होगा."

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जीएसटी संग्रह 80,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया है. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, "अब समय आ गया है कि जीएसटी से जनता को राहत दें. हम एक लाख करोड़ रुपये से 2.5 लाख करोड़ रुपये तक भी जा सकते थे. लेकिन फिलहाल, व्यवस्था बन गई है, कलेक्शन बढ़ा है. लोगों को कई चीज़ों में राहत मिलेगी."

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अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधा

जीएसटी के गठन के बाद से ही इसकी आलोचना करने को लेकर अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कुछ राजनेताओं ने इसे बदनाम किया है.

उन्होंने कहा, "विपक्ष ने इसे वेस्ट टैक्स कहा. फिर उन्होंने देखा कि यह सफल हो रहा है, तो उन्होंने कहा कि यह हमारा विचार था. प्रणब मुखर्जी ने इसके बारे में सोचा था, पी. चिदंबरम ने इसके बारे में सोचा था, आपने हमारा विचार चुरा लिया. जब वे 10 साल सत्ता में रहे, तो वे इसे लागू नहीं कर पाए. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल के चौथे साल में ही जीएसटी लागू कर दिया."

कांग्रेस नहीं कर पायी, हमने जीएसटी लागू करके दिखाया- अमित शाह

गृह मंत्री शाह के अनुसार, तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान राज्यों ने जीएसटी के विचार का विरोध किया था. उन्होंने कहा, "क्योंकि स्वाभाविक रूप से, 16 तरह के सेल्स टैक्स एकत्र कर हम जीएसटी बनाते हैं. इसमें सभी 16 तरह के टैक्स समाहित हो जाएंगे. इसलिए, इसका राज्यों की आय पर असर पड़ने वाला था. जब कांग्रेस इस विचार के साथ आई, तो राज्यों ने कहा कि इसके प्रतिकूल प्रभावों का भुगतान केंद्र सरकार को करना चाहिए. उन्होंने कहा, हां, हम करेंगे. इसलिए, राज्यों ने एक संवैधानिक गारंटी मांगी, जो उन्होंने नहीं दी."

अमित शाह ने कहा, "अब अगर कोई संवैधानिक गारंटी नहीं देगा तो उन पर भरोसा कौन करेगा? जब पीएम मोदी सत्ता में आए तो उन्होंने फिर से चर्चा शुरू की. उस समय अरुण जेटली विदेश मंत्री थे. फिर वही समस्या आई, तब पीएम मोदी ने कहा कि हमने कहा था कि संवैधानिक गारंटी दी जानी चाहिए. तो हम कैसे पीछे हट सकते हैं? उस समय विदेश मंत्रालय, नौकरशाह, विदेश मंत्री और सभी के पास बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी. पांच साल तक आप 14 प्रतिशत वृद्धि की गारंटी लेंगे और उसका भुगतान करेंगे. फिर भी, वे इसके लिए सहमत हुए."

शाह ने कहा कि गारंटी पिछले नवंबर तक पूरी हो गई थी. उन्होंने आगे कहा, "इसी वजह से जीएसटी को मंज़ूरी मिली और यह सफल रहा."

जीएसटी 2.0

नई जीएसटी दरें आज से लागू हो गई हैं, जिसके साथ ही घरेलू सामान, कार, बाइक और टीवी समेत कई अन्य सामान सस्ते हो गए हैं. 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से यह सबसे बड़ा बदलाव है. मौजूदा 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत की टैक्स व्यवस्था को बदलकर केवल दो स्लैब - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत कर दिया गया है.

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