
- अमित शाह ने कहा महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम में खादी को आत्मनिर्भरता और गरीबी दूर करने का माध्यम बनाया
- खादी ग्रामोद्योग का टर्नओवर 2014-15 में 30 हजार करोड़ से बढ़कर वर्तमान में एक लाख सत्तर हजार करोड़ हो गया है
- पिछले 11 सालों में खादी के विकास के लिए कई संसाधन, आउटलेट्स और रोजगार सृजन इकाइयां देशभर में स्थापित की गई हैं
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के रोहतक में खादी कारीगर महोत्सव में कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन के वक्त देश की गरीबी को दूर करने, देश को आत्मनिर्भर बनाने, स्वदेशी का विचार देने और स्वतंत्रता दिलाने के लिए खादी का उपयोग किया था. महात्मा गांधी ने खादी की शुरूआत की और इससे देश के लाखों बुनकरों के जीवन में आमूलचूल परिवर्तन आया. उन्होंने कहा कि खादी का यह मंत्र हमारे देश की जनता और आजादी के आंदोलन का पोषक बन गया था.
अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद विपक्षी सरकारों ने खादी पर ध्यान नहीं दिया और इसके विकास के लिए कुछ नहीं किया. जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने खादी को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया. प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देश की जनता को खादी के उपयोग के लिए प्रेरित किया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में खादी ग्रामोद्योग का टर्नओवर 33 हज़ार करोड़ रूपए था जो आज बढ़कर 1 लाख 70 हज़ार करोड़ रूपए हो गया है. खादी के टर्नओवर का सारा पैसा बुनकरों और देश की बहनों को रोज़गार देने में काम आता है. उन्होंने कहा कि खादी में आज के जमाने के साथ बहुत परिवर्तन लाया गया है और इसकी पैकेजिंग और मार्केटिंग की बहुत अच्छी व्यवस्था के साथ सी लोगों को इसके उपयोग के लिए प्रेरित भी किया गया है. शाह ने कहा कि पिछले 11 साल में खादी के विकास के लिए जो काम हुआ अगर वह आज़ादी के बाद लगातार हुआ होता तो हमारे देश में कभी बेरोज़गारी की समस्या नहीं आती.
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज यहां विद्युत-चालित चाक, परंपरागत चरखे, सिलाई मशीन और लेदर रिपेयरिंग टूलकिट जैसे 12 संसाधन कारीगरों को दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि आज यहां 301 करोड़ रूपए की मार्जिन मनी का वितरण भी हुआ है. साथ ही ऑर्गेनिक कॉटन केन्द्रीय पूनी संयंत्र, वर्धा का भी आज उद्घाटन हुआ है. इसके अलावा आधुनिक बनाई गई 40 आउटलेट्स का शुभारंभ और देशभर में 8 हज़ार नई प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम की इकाईयों का भी उद्घाटन हुआ है.
अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के समय स्वराज की कल्पना स्वदेशी और स्वभाषा के बिना अधूरी थी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में देश की जनता से स्वदेशी चीज़ों का ही उपयोग करने का आग्रह किया है. शाह ने कहा कि देशभर के कई व्यापारियों ने अपनी दुकान में विदेशी चीज़ें न रखने का संकल्प लिया है. आत्मनिर्भर भारत की कल्पना के लिए स्वदेशी का यह नारा भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले सभी देशवासियों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगा.
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 में एक पूर्ण विकसित भारत की कल्पना रखी है जो आज़ादी की शताब्दी के समय दुनिया में हर क्षेत्र में सर्वोच्च स्थान पर होगा. उन्होंने कहा कि इसमें हमारे स्वदेशी और खादी के अभियान की बहुत बड़ी भूमिका रहेगी. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता के लाभ के लिए 395 से अधिक ज़रूरी चीज़ों पर GST को शून्य या 5 प्रतिशत कर दिया है और इसका सबसे बड़ा फायदा हमारी माताओं-बहनों को होने वाला है.
अमित शाह ने कहा कि खादी ने आज़ादी के समय देश को स्वरोजगार, ग्रामीण उद्योग और आत्मनिर्भरता, सामाजिक दृष्टि से समानता और स्वावलंबन के लक्ष्यों को सिद्ध करने का मौका दिया था और राजनीतिक दृष्टि से देश के स्वतंत्रता आंदोलन को गति दी थी. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत की विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया था और प्रधानमंत्री मोदी के खादी अपनाओ, स्वदेशी अपनाओ के बहुत बड़े अभियान से देश आज एक बार फिर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
केन्द्रीय गृह मंत्री ने देश के सभी नागरिकों से आग्रह किया कि हर परिवार 5 हज़ार रूपए की खादी हर साल ज़रूर खरीदे. उन्होंने कहा कि इससे हमारा देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगा. शाह ने कहा कि खादी शरीर, गरीब के घर और देश के अर्थतंत्र को फायदा पहुंचाती है. खादी ग्रामोद्योग ने खादी फॉर नेशन को आगे बढ़ाकर प्रधानमंत्री मोदी का खादी फॉर फैशन का सूत्र भी अपनाया है. शाह ने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने खादी के साथ मधुमक्खी पालन, चर्मकारों और घर में उपयोग में आने वाली शुद्ध चीज़ों से जोड़ा है. उन्होंने कहा कि देशभर में 5 केन्द्रीय पूनी संयंत्र हैं, जिनमें से तीन का नवीनीकरण हो चुका है और दो का जारी है. इन बाकी दो संयंत्रों का नवीनीकरण होने के बाद पूनी संयंत्रों को नया जीवन मिलेगा औऱ देशभर में लाखों खादी बुनकरों को आशा की नई किरण दिखेगी.
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