अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत रवाना हो चुके हैं. शुक्रवार शाम को वह दिल्ली पहुंचेंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति चीन और रूस के नेताओं की गैरमौजूदगी के बीच अमेरिका के प्रभाव को बढ़ाने को लेकर पूरा लाभ लेने की कोशिश करेंगे. जो बाइडन भारत में हो रहे जी-20 सम्मेलन में यह दिखाने की कोशिश करेंगे कि बड़े अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर वाशिंगटन बीजिंग और मॉस्को से बेहतर भागीदार है.
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दिल्ली के बाद वियतनाम जाएंगे जो बाइडन
दिल्ली में होने जा रही दो दिवसीय बैठक के दौरान यूक्रेन में रूस के युद्ध और उभरते देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करने के तरीके पर गहरे मतभेद की वजह से समझौते में बाधा आने की आशंका जताई जा रही है. बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भारत के बाद वियतनाम भी जाएंगे. वह जी-20 में हिस्सा लेने के बाद रविवार को वियतनाम जाएंगे. तेजी से मुखर हो रहे चीन को पीछे धकेलने के लिए अमेरिका और वियतनामके बीच संबंध मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है.
बता दें कि जो बाइडन अमेरिका के वाशिंगटन के पास ज्वॉइंट बेस एंड्रयूज से रवाना हो चुके है और शुक्रवार शाम को वह भारत पहुंचेंगे. शिखर सम्मेलन से पहले एक ब्रीफिंग में व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन जी20 में शामिल होने जा रहे हैं. वह बड़ी चीजों को एक साथ लाने के लिए उभरते बाजार और भागीदारों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि दुनिया नई दिल्ली में यही देखेगी.
US President Biden departs for India to attend G20 Summit
— ANI Digital (@ani_digital) September 7, 2023
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आज भारत पहुंचेंगे अमेरिकी राष्ट्रपति
व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की भारत जाने से पहले कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है जिसके बाद उनको यात्रा की परमिशन मिल गई. सोमवार को उनकी पत्नी की कोरोना संक्रमित पाई गई थीं. लेकिन गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है जिसके बाद ही वह जी-20 में हिस्सा लेने के लिए भारत रवाना हुए हैं.
बता दें कि दुनिया के कई दिग्गज देशों के प्रमुख भारत पहुंच रहे हैं. लेकिन इस बीच चीन के राष्ट्रपति जी-20 सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे. दरअसल अमेरिका और भारत के साथ चलल रहे तनाव के बीच चीन इस सम्मेलन में शामिल नहीं हो रहा है. जो बाइडन ने जिनपिंग के जी-20 सम्मेलन में शामिल नहीं होने पर पिछले हफ्ते निराशा जाहिर की थी. हालांकि चीन के शामिल नहीं होने के बीच अमेरिका के पास वाशिंगटन के प्रभाव को बढ़ाने का सुनहरा मौका है.
जिनपिंग और पुतिन ने जी-20 से बनाई दूरी
व्हाइट हाउस के अधिकारियों की तरफ से दे दी गई जानकारी के मुकताबिक जो बाइडन खासकर बीजिंग के "जबरन" बेल्ट और रोड पहल के बेहतर विकल्प के रूप में उभरते देशों के लिए विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की लोन देने की शक्ति को लगभग 200 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने की योजना पर जोर देंगे. क्रेमलिन ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन को लेकर मॉस्को और पश्चिमी देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का जी-20 में वीडियो संबोधन तक नहीं होगा.
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