फ्यूचर और अमेजन विवाद मामले में फ्यूचर ग्रुप (Future group) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई के लिए तैयार हो गया है.सिंगापुर आपातकालीन मध्यस्थ (Singapore arbitration panel)के आदेश पर रोक लगाने को लेकर दाखिल याचिका पर यह सुनवाई होगी. फ्यूचर और अमेजन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट 23 नवंबर को सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल डील को मंजूरी देने से नियामकों को रोकने के लिए अमेजन की याचिका पर भी सुनवाई के लिए सहमति जताई और नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.सुनवाई के दौरान CJI एनवी रमना ने कहा कि हम इस स्तर पर फ्यूचर ग्रुप को कैसे आगे बढ़ने दे सकते है.अगर फ्यूचर को आगे बढ़ने दिया गया तो इस मामले में कुछ भी नहीं बचेगा.फ्यूचर अपना मीठा समय ले रहा है, मध्यस्थता के साथ आगे बढ़ रहा है.
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सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक तौर पर कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट इस पर अंतिम फैसला न दे, फ्यूचर ग्रुप किसी भी अन्य फोरम में ना जाए. दरअसल फ्यूचर ग्रुप ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है जिसमें आपातकालीन मध्यस्थ के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने फ्यूचर की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें शेयरधारकों की मंज़ूरी और लेनदारों की मांग की प्रक्रिया शुरू करने की अंतरिम राहत की मांग की गई थी.फ्यूचर ने आपातकालीन मध्यस्थ आदेश की प्रयोज्यता को चुनौती दी थी फ्यूचर ग्रुप का तर्क है कि पिछले आदेश में दिल्ली हाईकोर्ट ने माना था कि अमेज़ॅन द्वारा दावा किए गए अधिकार 'अत्याचारी हस्तक्षेप' हैं. फ्यूचर ग्रुप ने डील के शेयरधारकों और लेनदारों की मंजूरी के लिए अदालत से अंतरिम राहत मांगी है. सितंबर में फ्यूचर ग्रुप को राहत मिली थी जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट में चल रही जब्ती की कार्यवाही पर रोक लगाई थी.सुप्रीम कोर्ट ने NCLT, NCLAT, सेबी, CCI सहित सभी प्राधिकरणों को 4 हफ्ते के लिए फ्यूचर-रिलायंस सौदे से संबंधित कोई अंतिम आदेश पारित नहीं करने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो हितों को बैलेंस करने की कोशिश कर रहा है. SCने फ्यूचर ग्रुप की याचिका पर नोटिस जारी किया था.फ्यूचर डील मामले में फ्यूचर ग्रुप और किशोर बियानी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है.
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दरअसल सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने सिंगल जज बेंच के आदेश को पुनर्जीवित किया था जिसमें फ्यूचर कूपन, फ्यूचर रिटेल, किशोर बियानी एसेट्स को कुर्क करने का निर्देश दिया गया था. फ्यूचर कूपन संपत्ति की कुर्की के निर्देश वाले सिंगल जज बेंच के आदेश पर रोक लगाने की मांग कर रहा है. फ्यूचर कूपन ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है, जिसने बियानी, अन्य फ्यूचर डायरेक्टर्स को सिविल अरेस्ट के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था, साथ ही कहा था कि क्यों ना उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाए. रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप (Reliance Future Deal) के बीच हुई बहुचर्चित डील खिलाफ अमेज़न की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था सुप्रीम कोर्ट द्वारा अमेज़न (Amazon) के पक्ष में फैसला सुनाया गया है. रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की करीब 24 हजार करोड़ की डील पर अभी रोक लग गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सिंगापुर में जो इमरजेंसी आर्बिट्रेशन का फैसला है, वह भारत में भी लागू होगा. बता दें कि सिंगापुर में रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के फैसले पर रोक लगा दी गई थी, इसी के बाद भारत में भी अमेजन ने विलय सौदे के खिलाफ याचिका दायर की थी. रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप की करीब 24 हजार करोड़ की डील के खिलाफ अमेजन ने सबसे पहले दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, हाईकोर्ट ने इस डील पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. इसी के बाद अमेजन की ओर से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया था.
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