टाटा पावर कंपनी व सरकारी बिजली वितरण कंपनी बेस्ट के बीच बुधवार को आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू किया। कल ही मुंबई के कई इलाकों को भारी बिजली संकट से जूझना पड़ा था। यह मुंबई के हाल के इतिहास में सबसे गंभीर बिजली संकट था।
टाटा पावर के ट्रांबे संयंत्र की बिजली उत्पादन यूनिट पांच के सुबह 9:45 बजे ट्रिप होने के बाद कंपनी को अपने कई फीडर बंद करने पड़े थे। इससे मुंबई के कई इलाकों को कल गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ा था।
टाटा पावर ने दावा किया कि यदि बेस्ट ने तेल एवं गैस आधारित 500 एमसी यूनिट छह से बिजली खरीदी होती, तो वितरण कंपनी ट्रिपिंग के बाद बिजली कमी को पूरा कर सकती थी और शहर को लोड शेडिंग नहीं झेलनी पड़ती।
वहीं, दूसरी ओर बेस्ट के महाप्रबंधक ओम प्रकाश गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, 'हम नहीं जानते कि यह वास्तव में ट्रिपिंग थी या यह जबरन किया गया। टाटा पावर को शहर की उन सीमाओं में बिजली वितरण का अधिकार मिला है जहां अभी हमारा एकाधिकार है। हमें बिजली की आपूर्ति करना उनकी जिम्मेदारी है जिसे वे पूरा करने में विफल रहे।'
हालांकि, कल बेस्ट ने टाटा पावर की अधिक कड़ी आलोचना की थी। उसने कहा था कि यह घटनाक्रम टाटा पावर कंपनी का हमारे उपभोक्ताओं को हथियाने के लिए किया गया हो सकता है।
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