इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नवरात्रि उत्सव कार्यक्रमों के दौरान प्रस्तुति देने वाले कलाकारों को मानदेय देने के उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी है. प्रदेश के प्रमुख सचिव द्वारा 10 मार्च 2023 को जारी आदेश के मुताबिक, नवरात्रि के अवसर पर कलाकारों को भुगतान के लिए प्रति जनपद एक लाख रुपये जारी किए जाने का निर्णय किया गया था.
याचिकाकर्ता के वकील और अपर महाधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की पीठ ने गत शुक्रवार को राजीव कुमार यादव नाम के व्यक्ति द्वारा दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया.अपर महाधिवक्ता ने दलील दी कि सरकार के इसी आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका इस अदालत की लखनऊ पीठ पहले ही खारिज कर चुकी है.
इस पर अदालत ने कहा, “चूंकि लखनऊ पीठ पहले ही इस मामले में निर्णय कर चुकी है, इसलिए हम अलग विचार रखने का कोई उचित कारण नहीं पाते.”अदालत ने कहा कि इस अदालत की लखनऊ पीठ ने मोतीलाल यादव के मामले में किए गए निर्णय को ध्यान में रखा और इस निष्कर्ष पर पहुंची कि 10 मार्च का आदेश किसी धर्म को बढ़ावा देने की गतिविधि के पक्ष में नहीं है.
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