"सभी दल के नेता इस स्वर्णिम पल के हकदार": पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल पर समर्थन के लिए दिया धन्यवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण बिल पर सभी सांसदों का धन्यवाद देते हुए कहा कि कल भारत की संसदीय यात्रा का स्वर्णिम पल था. इस सदन के सभी सदस्य उस स्वर्णिम पल के हकदार हैं.

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महिला आरक्षण संबंधी विधेयक पारित करने के लिए लोकसभा के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया. पीएम मोदी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक का पारित होना भारत की संसदीय यात्रा का कल स्वर्णिम पल था. लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित हो गया। इसके पक्ष में 454 मत पड़े जबकि दो सांसदों ने इसके विरोध में मतदान किया. इस विधेयक में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। महिला आरक्षण के लिए पेश किया गया विधेयक 128वां संविधान संशोधन विधेयक है. 

देश की मातृशक्ति का मिजाज बदलेगा...

पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा, "महिला आरक्षण बिल पर सभी का धन्यवाद. ये मातृशक्ति को आगे बढ़ाने का दिन है. ये मातृशक्ति में नई ऊर्जा भरने वाला बिल है. सभी दल के नेता इस स्वर्णिम पल के हकदार हैं. सभी सांसदों का समर्थन के लिए धन्यवाद. कल का निर्णय और आज जब हम राज्यसभा (बिल पारित होने) के बाद आखिरी पड़ाव पार कर लेंगे, तो देश की मातृशक्ति का जो मिजाज बदलेगा और जो विश्वास पैदा होगा, वो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली अकल्पनीय शक्ति बनकर उभरेगा। ये मैं अनुभव करता हूं."

"कल का दिन भारत की संसदीय यात्रा का स्वर्णिम पल था"

सदन की कार्यवाही जैसे ही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रधानमंत्री को सदन को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया और उन्होंने पूरे सदन का आभार व्यक्त किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा में कल का दिन भारत की संसदीय यात्रा का स्वर्णिम पल था. उन्होंने कहा, "इसके हकदार इस सदन के सभी सदस्य हैं, इसके हकदार सभी दल के सदस्य और सभी दल के नेता भी हैं."

विधेयक के खिलाफ असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी....!

लोकसभा ने महिला आरक्षण संबंधी संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 बुधवार को करीब आठ घंटे की चर्चा के बाद 2 के मुकाबले 454 वोट से अपनी स्वीकृति दी. निचले सदन में कांग्रेस, सपा, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया. हालांकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने विधेयक का विरोध किया. लोकसभा में ओवैसी समेत एआईएमआईएम के दो सदस्य हैं.

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