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This Article is From Feb 17, 2020

टेलिकॉम कंपनियां रास्ते पर आ रहीं, एयरटेल ने सरकार को चुकाए 10 हजार करोड़ रुपये

वोडाफोन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि मूल रकम सात हजार करोड़ रुपये का आधा हिस्सा वह अगले शुक्रवार तक सरकार को दे देगी

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

एक समय देश में सबसे तेजी से उभरता टेलिकॉम उद्योग अब संकट के दौर में है. पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद एजीआर (Adjusted Gross Revenue) पर दिए कोर्ट के फ़ैसले को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. हालांकि मौजूदा वित्तीय साल में हजारों करोड़ का घाटा झेल रही टेलिकॉम कंपनियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी है. सोमवार को एयरटेल ने 10 हजार करोड़ रुपये जमा कर दिए. वोडाफोन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि मूल रकम सात हजार करोड़ रुपये का आधा हिस्सा वह इसी शुक्रवार तक सरकार को दे देगी.

देश की टेलिकॉम कंपनियां रास्ते पर आती दिख रही हैं. इन कंपनियों ने अपने ऊपर बकाया रकम सरकार को चुकाने की पहल शुरू कर दी है. लेकिन इससे पहले पिछले हफ़्ते उन्हें सुप्रीम कोर्ट की फटकार झेलनी पड़ी. सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर पर फैसले को लागू करने में हो रही देरी पर कड़ी नाराज़गी जताई थी.

सोमवार को एयरटेल ने अपनी कुल बकाया रकम 35,586 करोड़ में से 10,000 करोड़ रुपये जमा कर दी. संचार मंत्रालय को पत्र में एयरटेल ने यह जानकारी दी. एयरटेल ने कहा, "24 अक्टूबर 2019 और 14 फरवरी 2020 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक भारती एयरटेल लिमिटेड ने 9500 करोड़ और भारती हैक्साकॉम लिमिटेड ने 500 करोड़ की रकम जमा कर दी है. सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई से पहले एयरटेल बाकी रकम भी चुका देगा."

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उधर वोडाफोन ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उनके अनुसार मूल रकम सात हजार करोड़ रुपये है. इसका आधा हिस्सा वह इसी शुक्रवार तक सरकार को दे देगी. वोडाफोन ने सोमवार को 2500 करोड़ और शुक्रवार को एक हज़ार करोड़ रुपये देने की बात कही. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल उन्हें कोई राहत देने से इनकार कर दिया.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बेंगलुरु में कहा- "टेलिकॉम विभाग टेलिकॉम कंपनियों से सक्रियता से संपर्क बनाए हुए है. देखना होगा कि टेलिकॉम विभाग सरकार को...हमें इस बारे में क्या जानकारी देता है, सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के बाद क्या रूख अख्तियार करता है."

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 17 मार्च तक एयरटेल को 35,586 करोड़, वोडाफोन को 53,000 करोड़ रुपये और टाटा टेलिसर्विसेज़ को 13,800 करोड़ की रकम एजीआर के तहत चुकानी है. अब देखना होगा कि 17 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई तक बड़ी टेलिकॉम कंपनियां किस हद तक अपनी पूरी बकाया रकम देने में सक्षम हो पाती हैं.

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