वाशिंगटन/नई दिल्ली:
ब्राजील की विमान विनिर्माता कंपनी एम्ब्रेयर, भारत और तीन दूसरे देशों में भ्रष्टाचार के आरोपों के निपटारे के लिए अमेरिकी एवं ब्राजील के अधिकारियों के साथ समझौते के रूप में 20.5 करोड़ डॉलर का भुगतान करने के लिए सहमत हो गई.
भारत में भ्रष्टाचार के आरोप भारतीय वायुसेना के एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) के लिए तीन विमानों की बिक्री से जुड़े समझौते के लिए भारत में एक एजेंट को 50.76 लाख डॉलर की राशि के कथित भुगतान से संबंधित हैं. सीबीआई ने मामले में पहले ही एक प्राथमिकी दर्ज कर रखी है.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ''प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) ने अमेरिकी न्याय विभाग एवं ब्राजीली अधिकारियों के साथ एक वैश्विक समझौते की घोषणा की जिसके तहत विमान विनिर्माता कंपनी एम्ब्रेयर एसए को फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (एफसीपीए) के कथित उल्लंघनों के निपटारे के लिए 20.5 करोड़ डॉलर से अधिक का भुगतान करना होगा.''
एसईसी की शिकायत में आरोप लगाया था कि एम्ब्रेयर ने अपनी अमेरिकी सहायक कंपनी द्वारा डोमिनिक गणराज्य, सऊदी अरब और मोजाम्बिक के अधिकारियों को एजेंटों के जरिये दी गई रिश्वत के सहारे 8.3 करोड़ डॉलर से अधिक का लाभ कमाया.
बयान के अनुसार ब्राजीली कंपनी ने कथित रूप से अवैध भुगतान को छिपाने के लिए फर्जी किताबें एवं दस्तावेज तैयार किए और साथ ही भारत में एक कथित लेखा योजना से भी जुड़ी रही.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भारत में भ्रष्टाचार के आरोप भारतीय वायुसेना के एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) के लिए तीन विमानों की बिक्री से जुड़े समझौते के लिए भारत में एक एजेंट को 50.76 लाख डॉलर की राशि के कथित भुगतान से संबंधित हैं. सीबीआई ने मामले में पहले ही एक प्राथमिकी दर्ज कर रखी है.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ''प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) ने अमेरिकी न्याय विभाग एवं ब्राजीली अधिकारियों के साथ एक वैश्विक समझौते की घोषणा की जिसके तहत विमान विनिर्माता कंपनी एम्ब्रेयर एसए को फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (एफसीपीए) के कथित उल्लंघनों के निपटारे के लिए 20.5 करोड़ डॉलर से अधिक का भुगतान करना होगा.''
एसईसी की शिकायत में आरोप लगाया था कि एम्ब्रेयर ने अपनी अमेरिकी सहायक कंपनी द्वारा डोमिनिक गणराज्य, सऊदी अरब और मोजाम्बिक के अधिकारियों को एजेंटों के जरिये दी गई रिश्वत के सहारे 8.3 करोड़ डॉलर से अधिक का लाभ कमाया.
बयान के अनुसार ब्राजीली कंपनी ने कथित रूप से अवैध भुगतान को छिपाने के लिए फर्जी किताबें एवं दस्तावेज तैयार किए और साथ ही भारत में एक कथित लेखा योजना से भी जुड़ी रही.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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