पाकिस्तान द्वारा अपनी वायुसीमा को भारतीय विमानों की उड़ान के लिए चार माह से अधिक समय तक बंद रखे जाने के दौरान एयर इंडिया को 430 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ.. सरकार की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है. नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के जवाब में यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान द्वारा अपनी वायुसीमा को खोले जाने के बारे में कल किए गये निर्णय से हम प्रसन्न हैं.' उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश की वायुसीमा बंद होने के कारण एयर इंडिया को करीब 430 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है.
'ऑपरेशन बालाकोट' के बाद से बंद एयरस्पेस को खोलना क्या पाकिस्तान की अब मजबूरी है?
भारत द्वारा सीमा पार बालाकोट में आतंकवादी शिविरों को नष्ट करने के लिए की गयी एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने अपनी वायुसीमा को भारतीय विमानों के लिए बंद कर दिया था. वायुसीमा बंद किए जाने के करीब 140 दिनों बाद पाकिस्तान ने मंगलवार को इसे खोले जाने की घोषणा की. इससे पहले एयर इंडिया को हो रहे घाटे के संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्न के जवाब में पुरी ने कहा कि एयरलाइन को होने वाले घाटे के कई कारण होते हैं. इनमें करीब 40 प्रतिशत घाटा विमान ईंधन (एटीएफ) के कारण होता है. साथ ही कुछ भू-राजनीतिक कारण होते हैं जैसे कि पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा अपनी वायुसीमा को बंद किया जाना.
वीडियो: पाकिस्तान का एयरस्पेस खुलने से किसका फायदा और किसका नुकसान
पुरी ने कहा कि सरकार एयरइंडिया के निजीकरण के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि इससे पहले एयरलाइन को परिचालन स्तर पर लाभप्रद बनाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 2018-19 में एयरलाइन को 7,000 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ था. नागर विमानन मंत्री ने बताया कि एयर इंडिया में 1677 पायलट हैं. इनमें से 1108 स्थायी पायलट और 569 निश्चित अवधि के अनुबंध वाले पायलट हैं. उन्होंने कहा कि पायलटों की भर्ती एक सतत प्रक्रिया है और एयरलाइन इनकी भर्ती के लिए समय समय पर विज्ञापन निकालती रहती है.