
अहमदाबाद में गुरुवार को एक भीषण हादसा हुआ. वहां एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई.इस विमान ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी थी. इस हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई. इसमें विमान में सवार 241 लोग भी शामिल हैं. इस हादसे में विमान में सवार केवल एक व्यक्ति की ही जान बच पाई है. जिस विमान में हादसा हुआ, वह बोइग का ड्रिमलाइनर 787-8 था. इस हादसे के बाद से बोइंग कंपनी का यह मशहूर विमान एक बार फिर आलोचकों के निशाने पर है. आइए जानते हैं कि कैसा होता है यह विमान.
कौन सी कंपनी बनाती है ड्रीमलाइनर 787
ड्रिमलाइनर 787 को बनाने वाली कंपनी बोइंग का दावा है कि 14 साल से भी कम समय में ड्रीमलाइनर विमानों ने अबतक एक अरब से अधिक लोगों को यात्रा करवाई है.इस समय दुनिया में करीब 11 सौ ड्रीमलाइनर उड़ान भर रहे हैं. बोइंग के मुताबिक ड्रिमलाइनर 787 की करीब 50 लाख उड़ाने हुई हैं. कंपनी का दावा है कि विमानन के क्षेत्र में किसी भी विमान ने अब तक यह कारनामा करके नहीं दिखाया है. कंपनी का दावा है कि इसके ढांचे के हल्का और मजबूत होने की वजह से यह उन विमानों की तुलना में 25 फीसदी कम ईंधन की खपत करता है, जिनकी जगह इसने ली है. आज दुनिया भर में 425 से अधिक नए नॉनस्टॉप रूट पर ड्रीमलाइनर-787 उड़ान भरते हैं. इनमें से कई रूट बिल्कुल ही नए हैं. कंपनी के मुताबिक ड्रिमलाइनर 787 की करीब 50 लाख उड़ाने हुई हैं. कंपनी का कहना है कि उसके पास अभी भी 889 ड्रीमलाइनर का बैकलॉग है.

भारत में 30 से अधिक ड्रीमलाइनर 787 उड़ान भरते हैं.
एअर इंडिया के बेड़े में ड्रीमलाइनर 787
एअर इंडिया के बेड़े में बोइंग का 787-8 ड्रीमलाइनर 2011 में शामिल हुआ था. एअर इंडिया के बेड़े में 27 787-8 ड्रीमलाइनर शामिल हैं. इस समय एअर इंडिया का मालिकाना टाटा समूह के पास है.इस समूह के पास पहले विस्तारा एयरलाइन नाम की कंपनी थी.विस्तारा एयरलाइन 2024 में बंद हो गई थी. विस्तारा एयरलाइन के बेड़े में कुल छह 787-9 ड्रीमलाइनर शामिल थे. बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को बहुत ही विश्वसनीय और ताकतवर विमान माना जाता है. लेकिन 2013 में इसके बैटरी सिस्टम में कुछ खराबी आई थी.जापान में 787 ड्रीमलाइनर में दो बार तकनीकी खामी नजर आई थी. जापान में एक खड़े हुए विमान की बैटरी में आग लग गई थी. वहीं एक दूसरी घटना में ड्रीमलाइनर के बैटरी सिस्टम में खराबी आने के बाद से विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी. वहीं अमेरिकी कंपनी यूनाइटेड एयरलाइंस के बोइंग-787 की मुख्य बैटरी में खराबी आ गई थी. इसे देखते हुए जापान और अमेरिका ने इनके उड़ानों पर पाबंदी लगा दी थी. बोइंग ने बैटरी सिस्टम में सुधार किया,तब जाकर अप्रैल 2013 में ड्रीमलाइनर को उड़ने की इजाजत मिली थी.
कितने तरह के ड्रीमलाइनर होते हैं
आइए जानते हैं ड्रीमलाइनर-787 की तकनीकी विशेषताओं के बारे में. बोइंग कंपनी के मुताबिक ड्रीमलाइनर-787 वैरिएंट आते हैं. ये हैं ड्रीमलाइनर-787-8, ड्रीमलाइनर-787-9 और ड्रीमलाइनर-787-10. अगर इनमें यात्रियों के ढोने की क्षमता की बात करें तो ड्रीमलाइनर-787-8 में 248, ड्रीमलाइनर-787-9 में 296 और ड्रीमलाइनर-787-10 में 336 यात्री यात्रा कर सकते हैं.

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एक बार उड़ान भरने के बाद ड्रीमलाइनर-787-8 सात हजार 305 नॉटिकल मील या साढ़े 13 हजार किमी की यात्रा कर सकता है. वहीं ड्रीमलाइनर-787-9 एक बार में सात हजार 565 नॉटिकल मील या 14 हजार 10 किमी की यात्रा कर सकता है. इसी तरह से ड्रीमलाइनर-787-10 एक बार उड़ान भरने पर छह हजार 330 नॉटिकल मील या 11 हजार 730 किमी की यात्रा कर सकता है.
सवालों के घेरे में ड्रीमलाइनर 787
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की सुरक्षा पिछले काफी समय से सवालों के घेरे में रही है. पिछले साल अप्रैल में बोइंग के एक इंजीनियर सैम सालेहपुर ने दावा किया था कि 787 के फ्यूजलेज को जोड़ने की प्रक्रिया में खामियां हैं. इससे विमान का ढांचा समय से पहले कमजोर हो सकता है.उनका दावा था कि प्रोडक्शन के दौरान शॉर्टकट अपनाए गए. इससे विमान के जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. बाद में यह दबाव किसी बड़े संकट में बदल सकता है. सालेहपुर का दावा था कि बोइंग ने उनकी चिंताओं को नजरअंदाज कर उन्हें 787 प्रोजेक्ट से हटा कर एक दूसरे प्रोजेक्ट में लगा दिया था.

बोइंग के मुताबिक ड्रीमलाइनर 787 की अबतक 50 लाख से अधिक उड़ानें हो चुकी हैं.
अमेरिका के संघीय उड्डयन प्रशासन (एफएए) ने सालेहपुर के दावों की जांच की थी. इस दौरान पता चला कि बोइंग के दक्षिण कैरोलिना प्लांट में कर्मचारियों ने विंग-टू-फ्यूजलेज जोड़ों की जांच को छोड़ दिया था. इन कर्मचारियों ने रिकॉर्ड में इसे पूरा दिखा दिया था. इस गलती को बाद में बोइंग ने भी मान लिया था. इसके साथ ही उसने दावा किया था कि यह तत्काल उड़ान सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है. इसके बाद से एफएए ने बोइंग को बाकी बचे ड्रीमलाइनर 787 विमानों की दोबारा जांच करने और पहले से उड़ान भर रहे विमानों के लिए एक कार्य योजना बनाने को कहा था.
अहमदाबाद की जांच शुरू हो गई है. जांच में भारत के साथ-साथ अमेरिका और ब्रिटेन के जांचकर्ता भी शामिल होंगे. इसमें बोइंग भी शामिल होगी. लेकिन अहमदाबाद हादसे ने ड्रीमलाइनर 787 की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसे में दुनिया में जहां 787 ड्रीमलाइनर का इस्तेमाल हो रहा है, वहां इसकी पड़ताल होगी. इस बीच सूत्रों ने खबर दी है कि भारत सरकार ने सभी ड्रीमलाइनर 787 की उड़ान रोकने का फैसला किया है.
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