
- केंद्र सरकार जीएसटी में बदलाव के बाद निर्यातकों के ट्रंप टैरिफ से राह देने की योजनाएं बना रही है.
- ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ से कपड़ा, गहने, चमड़ा, फुटवियर और कृषि निर्यातक गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
- सरकार की प्रस्तावित योजना का मकसद निर्यातकों की कार्यशील पूंजी में सुधार कर उनके रोजगार को सुरक्षित रखना है.
केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों में बदलाव कर आम लोगों को बड़ी राहत दी है. सरकार अब ट्रंप टैरिफ से जूझ रहे निर्यातकों को भी राहत (Trump Tariff Relief) देने की तैयारी कर रही है. सरकार के सूत्रों के अनुसार जल्दी ही ट्रंप टैरिफ से प्रभावित निर्यातकों को मदद देने के लिए कुछ योजनाओं की घोषणा की जा सकती है. दरअसल अमेरिका के 50 प्रतिशत टैरिफ से कपड़े, गहनों के बिजनेस से जुड़े निर्यातकों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
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ट्रंप टैरिफ से निजात दिलाने की तैयारी
इनके अलावा चमड़ा और फुटवियर, रसायन और इंजीनियरिंग उत्पाद, कृषि और समुद्री निर्यात क्षेत्र के निर्यातक भी नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. सरकार की प्रस्तावित योजनाओं में छोटे निर्यातकों की लिक्विडिटी की समस्या को हल करने, कार्यशील पूंजी पर दबाव कम करने का मकसद शामिल रहेगा.
साथ ही यह भी कोशिश की जाएगी कि इन क्षेत्रों में लोगों की नौकरियों की सुरक्षा बनी रहे और निर्यातकों के अपने उत्पादों के लिए नए बाजारों को ढूंढने तक उत्पादन जारी रखने में परेशानी न आए. इसके लिए सरकार ठीक वैसे ही स्टिम्यूलस पैकेज पर काम कर ही है जैसा कोविड महामारी के समय एमएसएमई क्षेत्र को दिया गया था. साथ ही सरकार एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन पर भी काम कर रही है, जिसका ऐलान बजट में किया गया था.
ट्रंप ने लगाया था 50% रेसिप्रोकल टैक्स
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त महीने में भारत पर 50% रेसिप्रोकल टैक्स लगा दिया था.अमेरिका ने ट्रेड डेफिसिट का हवाला देते हुए भारत पर पहले 25% का टैरिफ लगाया था. इसके बाद रूस से कच्चा तेल खरीदने के मुद्दे पर अतिरिक्त 25% का टैक्स भारत के एक्सपोर्ट पर लगा दिया था.
अमेरिकी यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फेडरल सर्किट ने ट्रंप के इस फैसले को गैरकानूनी बताया था. जिसके बाद ट्रंप प्रशासन ने अदालत में दलील दी कि यूक्रेन में शांति के लिए भारत पर टैक्स लगाना जरूरी है. अमेरिका को ट्रेड डेफिसिट से बचाने के लिए टैरिफ लगाया गया जिससे आर्थिक नुकसान से बचाव हुआ है.
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