देहरादून:
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में योजना एवं विकास पर गौर करने के लिए पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण प्राधिकरण स्थापित किए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री इस वैधानिक निकाय के प्रमुख होंगे। यह निकाय अगले 100 साल तक आने वाली चुनौतियों के मद्देनजर सुरक्षा उपायों पर भी गौर करेगा।
बहुगुणा ने एक सम्मेलन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुए भारी नुकसान पर विचार करते हुए कैबिनेट ने यह फैसला किया। उन्होंने कहा कि इस प्राधिकरण में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड को फिर से बसाया जाएगा और आगे से नदियों के किनारे किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भी इस सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा ‘यह एक प्रगतिशील और महत्वपूर्ण कदम है जिससे लोगों में भरोसा पैदा होगा।’ प्राधिकरण प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र और अन्य स्रोतों से राज्य को मिलने वाली विशाल राशि के उपयोग में पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा।
रमेश ने कहा कि पुनर्निर्माण प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा घोषित एक हजार करोड़ रुपये के पैकेज के अलावा विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक से 2,500 से 3,000 करोड़ रुपये तक मिलने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री इस वैधानिक निकाय के प्रमुख होंगे। यह निकाय अगले 100 साल तक आने वाली चुनौतियों के मद्देनजर सुरक्षा उपायों पर भी गौर करेगा।
बहुगुणा ने एक सम्मेलन में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुए भारी नुकसान पर विचार करते हुए कैबिनेट ने यह फैसला किया। उन्होंने कहा कि इस प्राधिकरण में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे। बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड को फिर से बसाया जाएगा और आगे से नदियों के किनारे किसी भी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी।
ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भी इस सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा ‘यह एक प्रगतिशील और महत्वपूर्ण कदम है जिससे लोगों में भरोसा पैदा होगा।’ प्राधिकरण प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र और अन्य स्रोतों से राज्य को मिलने वाली विशाल राशि के उपयोग में पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगा।
रमेश ने कहा कि पुनर्निर्माण प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा घोषित एक हजार करोड़ रुपये के पैकेज के अलावा विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक से 2,500 से 3,000 करोड़ रुपये तक मिलने की उम्मीद है।
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