मुंबई:
लोढा कमेटी की सिफारिशों को पूरी तरह से लागू करने के ऐवज़ में महाराष्ट्र के विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन को सालाना वित्तीय सहायता मिलेगी. बीसीसीआई में प्रशासकों के पद संभालने के बाद सालाना ग्रांट की हक़दार बनने वाला वीसीए पहला राज्य संघ है. यही नहीं जिन राज्य संघों ने टेस्ट और एक दिवसीय मैच का आयोजन किया है उनसे भी कहा गया है कि खर्चे का पूरा ब्यौरा दें ताकि 24 मार्च के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनज़र उन्हें भुगतान किया जा सके.
प्रशासकों की समिति ने जमा की गई सुप्रीम कोर्ट में तीसरी स्टेटस रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है, जिसकी कॉपी एनडीटीवी इंडिया के पास मौजूद है. रिपोर्ट में सीओए ने कहा है कि वीसीए ने सारे नियमों का पालन किया है इसलिए उन्हें फंड दिया जा रहा है. इस फैसले से विदर्भ को लगभग 20 करोड़ रुपये मिलेंगे.
समिति का कहना है कि जैसे ही बाकी के राज्य संघ लोढा कमेटी की सिफारिशों का पालन करेंगे उन्हें भी फंड दे दिया जाएगा. इस रिपोर्ट के तहत सौंपी अनूसूची के ज़रिए सीओए ने एक बार फिर जताया है कि जो सदस्य लोढा कमेटी की सिफारिशों के बाद अयोग्य ठहराये गए हैं वे न तो बीसीसीआई की किसी बैठक में शामिल हो सकते हैं, न ही किसी दूसरे मंच से बोर्ड की नुमाइंदगी कर सकते हैं.
प्रशासकों के रुख से साफ है कि वे किसी कीमत पर एन श्रीनिवासन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में बोर्ड की नुमाइंदगी के लिए चुने जाने के फैसले से सहमत नहीं होंगे. हम आपको बता दें कि हैदराबाद के एक पांच सितारा होटल में सारे पदाधिकारियों ने पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के साथ मुलाकात की थी और 9 अप्रैल को बोर्ड की स्पेशल जनरल मीटिंग में बीसीसीआई पदाधिकारी इस बाबत फैसला ले सकते हैं.
प्रशासकों की समिति ने जमा की गई सुप्रीम कोर्ट में तीसरी स्टेटस रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है, जिसकी कॉपी एनडीटीवी इंडिया के पास मौजूद है. रिपोर्ट में सीओए ने कहा है कि वीसीए ने सारे नियमों का पालन किया है इसलिए उन्हें फंड दिया जा रहा है. इस फैसले से विदर्भ को लगभग 20 करोड़ रुपये मिलेंगे.
समिति का कहना है कि जैसे ही बाकी के राज्य संघ लोढा कमेटी की सिफारिशों का पालन करेंगे उन्हें भी फंड दे दिया जाएगा. इस रिपोर्ट के तहत सौंपी अनूसूची के ज़रिए सीओए ने एक बार फिर जताया है कि जो सदस्य लोढा कमेटी की सिफारिशों के बाद अयोग्य ठहराये गए हैं वे न तो बीसीसीआई की किसी बैठक में शामिल हो सकते हैं, न ही किसी दूसरे मंच से बोर्ड की नुमाइंदगी कर सकते हैं.
प्रशासकों के रुख से साफ है कि वे किसी कीमत पर एन श्रीनिवासन को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में बोर्ड की नुमाइंदगी के लिए चुने जाने के फैसले से सहमत नहीं होंगे. हम आपको बता दें कि हैदराबाद के एक पांच सितारा होटल में सारे पदाधिकारियों ने पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के साथ मुलाकात की थी और 9 अप्रैल को बोर्ड की स्पेशल जनरल मीटिंग में बीसीसीआई पदाधिकारी इस बाबत फैसला ले सकते हैं.
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