राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में 54 शख्सियतों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इनमें कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एस एम कृष्णा, जाने माने उद्योगपति कुमार मंगलम बिरला, प्रसिद्ध पार्श्व गायिका सुमन कल्याणपुर के साथ-साथ कुछ ऐसे लोग भी शामिल थे, जिन्हें आम लोग कम ही जानते हैं. इन्हीं में से एक हैं, श्रीमती हीरबाई इब्राहिमभाई लोबी. हीरबाई जब अवॉर्ड लेने के लिए राष्ट्रपति भवन में पहुंचीं, तो पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. सिद्दी समुदाय के उत्थान और विकास के काम करने के लिए गुजरात की आदिवासी नेता हीरबाई इब्राहिम लोबी को बुधवार को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
पद्म श्री सम्मान ग्रहण करने से पहले हीरबाई लोबी ने पीएम मोदी को झोली फैलाकर दुआएं दी. हीरबाई लोबी जैसे ही आगे की पंक्ति में बैठे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे आईं, पीएम ने झुककर उन्हें प्रणाम किया. इसके बाद अपने शब्दों में आशीर्वाद देते हुए यह हीरबाई लोबी बेहद भावुक हो गईं. उन्होंने गर्व महसूस करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई ने आज सिद्दी समाज का सम्मान किया है. इसके लिए मैं उनका तहे दिल से धन्यवाद करती हूं. आपने हमारी झोली को खुशियों से भर दिया. इसके बाद पीएम मोदी ने एक बार फिर हाथ जोड़कर प्रणाम किया और सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
कौन हैं हीरबाई लोबी?
हीरबाई का जन्म 1 जनवरी 1953 को गुजरात (गिर) के जंबूर गांव में हुआ था. बेहद छोटी उम्र में ही उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया था. दादी ने उनका पालन-पोषण किया. बेहद गरीबी में उनका बचपन गुजरा, इसलिए उन्हें प्राथमिक शिक्षा भी नहीं मिल पाई. कम उम्र में ही शादी इब्राहिम भाई लोबी से हो गई, लेकिन जिंदगी का संघर्ष कम नहीं हुआ. वह जीवन बसर करने के लिए खेती करती थीं. इस दौरान उन्होंने देखा कि उनके समुदाय की महिलाओं की हालात लगातार दयनीय होती जा रही है. तब उन्होंने खुद अपने समुदाय और महिलाओं के उत्थान के लिए कमर कसी. वह सौराष्ट्र के 18 गांवों में काम कर रही हैं और उनके प्रयास नजर भी आ रहे हैं. हीरबाई की कोशिशों के कारण इन गांवों में स्वाथ्य, स्कूल और खानपान की सुविधाएं बेहतर हुई हैं. नरेंद्र मोदी लंबे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं. इस दौरान ही हीरबाई लोबी ने अपने समुदाय के उत्थान के लिए कदम बढ़ाए. यही वजह है कि हीरबाई ने सम्मान ग्रहण करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को झोली फैलाकर अशीर्वाद दिया.
400 साल पहले गुलाम बनकर भारत आए थे पूर्वज
हीरबाई का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. भाजपा नेता संबित पात्रा ने वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया- 'मातृशक्ति का आशीर्वाद'. इसके अलावा भी कई लोगों ने हीरबाई लोबी के भावनात्मक पल को साझा किया. कई लोगों ने उनके बारे में जानने की उत्सुकता भी दिखाई. श्रीमती हीरबाई लोबी आदिवासी महिला संघ की अध्यक्ष हैं। इस समूह को सिद्दी महिला संघ के नाम से भी जाना जाता है. सिद्दी समाज महिला सशक्तीकरण के लिए किए गए अपने कामों के लिए जाना जाता है. उन्होंने महिलाओं की शिक्षा और उनके उत्थान के लिए काफी काम किया है. हीरबाई ने 2004 में महिला विकास संघ की स्थापना की थी. सिद्दी वास्तव में अफ्रीकी जनजाति है जिन्हें करीब 400 साल पहले जूनागढ़ के शासक के राज में गुलाम बनाकर भारत लाया गया था.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं