नई दिल्ली:
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अपनी जनचेतना यात्रा के समापन पर यूपीए को देश की अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार बताया और उसपर राजनीतिक दबाव बनाने की रणनीति के तहत राजग के सभी सांसदों से अपील की कि वे यह घोषणा पत्र दें कि उनका विदेश में कोई अवैध बैंक खाता या अवैध संपत्ति नहीं है। सुशासन और स्वच्छ राजनीति के मुद्दे पर 11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली बिहार के सिताबदियारा से शुरू आडवाणी की यह यात्रा 22 राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों से होते हुए सात हजार किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर रविवार दोपहर ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर पहुंची। आडवाणी ने कहा, यह यात्रा खत्म हुई है, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग पूरी नहीं हुई है। देश को संतोष मिलने तक यह जंग जारी रहेगी।...सुबह जब मैं गाजियाबाद से चला था तो कोहरा था, जो मौसम के कारण छंट भी गया।...लेकिन जो कोहरा आज भारत की राजनीति पर देश की अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार के भ्रष्टाचार के कारण छाया हुआ है, वह मौसम के कारण नहीं मिटेगा, वह जनचेतना और जनमत से ही दूर होगा। इस मौके पर बीजेपी नीत राजग के सहयोगी दलों के नेता तो मौजूद थे ही, लेकिन अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता ने भी थम्बी दुरई के रूप में अपना प्रतिनिधि भेज कर एक राजनीतिक संकेत दिया। भ्रष्टाचार के मामलों के घिरी केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत उन्होंने भाजपा नीत गठबंधन के सभी सांसदों से कहा, राजग के सभी सांसद लोकसभा अध्यक्ष या राज्यसभा के सभापति को यह लिखकर दें कि वह यह घोषणा करते हैं कि भारत के बाहर किसी भी बैंक में उनका कोई अवैध खाता या देश से बाहर कोई अवैध संपत्ति नहीं है। मैं अपील करता हूं कि एक सप्ताह के भीतर इस तरह का पत्र सौंप दिया जाए। आडवाणी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी यूपीए सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा, कांग्रेस नीत सरकार की साख उसके प्रधानमंत्री थे। लेकिन भ्रष्टाचार के कारण यह साख मिट्टी में मिल गई। मैंने प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय से अब तक की सरकारें देखी हैं लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कि एक के बाद एक मंत्री भ्रष्टाचार के कारण हटाये गये हों या जेल भेजे गये हों। उन्होंने कहा, ...और यह सब प्रधानमंत्री की सख्ती के कारण नहीं हो रहा, बल्कि नियंत्रक और महालेखा परीक्षक तथा अदालत की बदौलत हो रहा है। आडवाणी ने कहा कि हमें प्रभावी लोकपाल की जरूरत है, लेकिन अगर देश में आज सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है, तो यह कानून के अभाव के कारण नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार को रोकने की नीयत के अभाव के कारण है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, इस बात का खेद है कि बार-बार सवाल उठाए जाने के बावजूद सरकार ने कालेधन के मुद्दे पर अब तक कोई ठोस वक्तव्य नहीं दिया। फ्रांस की सरकार से भारत को 700 ऐसे लोगों के नाम मिले हैं, जिनका विदेशी बैंकों में कालाधन जमा है, लेकिन इन नामों का खुलासा नहीं किया जा रहा। रामलीला मैदान के मंच पर आडवाणी ने अपने संबोधन के दौरान नोट के बदले वोट घोटाला मामले में हाल ही में जमानत पा चुके अपने पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी, पूर्व सांसद महाबीर भगोरा और फग्गन सिंह कुलस्ते तथा मौजूदा सांसद अशोक अर्गल को भी बुलाया। उन्होंने कहा, व्हिसलब्लोअरों की भूमिका निभाने वाले हमारी पार्टी के इन सदस्यों को जेल भेज दिए जाने की घटना ने मुझे इस यात्रा के लिए प्रेरित किया था। मुझे खुशी है कि यात्रा के समापन मौके पर उसी मुद्दे का दिल्ली उच्च न्यायालय ने समाधान कर दिया है। आडवाणी ने कहा कि अदालत ने माना कि ये लोग पर्दाफाश कर रहे थे और इनके खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत नहीं हैं।
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