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एडमिरल जोशी ने विश्व की छठी सबसे बड़ी नौसेना के प्रमुख का पदभार ग्रहण करने से पहले इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर पुष्प चक्र चढ़ाकर देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
जोशी ने निवर्तमान प्रमुख निर्मल वर्मा का स्थान लिया जो 43वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए है। जोशी स्वतंत्र भारत के 21वें एवं भारतीय के रूप में 19वें नौसेना अध्यक्ष हैं।
विश्व की छठी सबसे बड़ी नौसेना के प्रमुख का पदभार ग्रहण करने से पहले उन्होंने इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर पुष्प चक्र चढ़ाकर देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी और साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया।
निवर्तमान नौसेना प्रमुख वर्मा ने रस्मी तौर पर जोशी को टेलीस्कोप देकर पदभार सौंपा।
एडमिरल जोशी ने अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा, "राष्ट्रीय सम्पन्नता एवं 24 घंटे निगरानी के लिए समुद्री शक्ति के रूप में नौसेना को सभी स्तरों पर तैयार रहने की जरूरत है कि ताकि हमारी सुरक्षा तैयारी में कोई कमी नहीं रह जाए।"
एडमिरल जोशी अपने 38 साल के करियर में आईएनएस कुठार, आईएनएस रणवीर एवं एकमात्र विमानवाहक पोत आईएनएस विराट की कमान सम्भाल चुके हैं। एडमिरल जोशी यूएस नेवल वार कॉलेज से स्नातक हैं और वह कॉलेज ऑफ नेवल वारफेयर और नेशनल डिफेंस कॉलेज के पूर्व छात्र रह चुके हैं।
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