रक्षामंत्री एके एंटनी ने कहा कि पनडुब्बी हादसे के संदर्भ में ‘व्यथित’ एडमिरल डीके जोशी का नौसेना प्रमुख के पद से इस्तीफा स्वीकार करने से पहले उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की थी और ‘प्रत्येक व्यक्ति’ के साथ विचारविमर्श किया था। जोशी का इस्तीफा तत्काल स्वीकार करने की वजह से पूर्व शीर्ष नौसेना अधिकारियों की आलोचनाओं के निशाने पर आए एंटनी ने कहा, मैंने प्रत्येक व्यक्ति के साथ विचारविमर्श किया था। मैंने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी। आखिर में, हमने इस्तीफा स्वीकार करने का फैसला किया। नौसेना प्रमुख को ‘बहुत अच्छे एडमिरल’ और ‘शानदार व्यक्ति’ बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि पूरे घटनाक्रम को लेकर वह ‘दुखी’ हैं। एडमिरल जोशी के इस्तीफे के फैसले के बाद रक्षा मंत्री की यह पहली प्रतिक्रिया है।
उन्होंने बताया, कल एडमिरल जोशी ने निजी तौर पर मुझसे मुलाकात की और अपना इस्तीफा मुझे सौंप दिया। उन्होंने मुझसे तत्काल प्रभाव से इस्तीफा स्वीकार करने का अनुरोध किया। रक्षा मंत्री के अनुसार, एडमिरल जोशी ने सुझाव दिया कि जब तक कोई अंतिम व्यवस्था नहीं कर ली जाती, तब तक नौसेना उप प्रमुख वाइस एडमिरल रॉबिन धोवन को कार्यकारी नौसेना प्रमुख बनाया जाए।
इससे पूर्व बुधवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी ने पिछले सात महीने में नौसेना युद्धक पोतों सहित अन्य हादसों की 'नैतिक जिम्मेदारी' लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया और रक्षा मंत्री एके एंटनी ने उनका इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर लिया।
आईएनएस सिंधुरत्न के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद 59-वर्षीय जोशी ने इस्तीफा दे दिया, जबकि उनका कार्यकाल अभी 15 महीने बचा हुआ है। दुर्घटना में सात अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए और दो लापता हैं। रूस निर्मित पनडुब्बी में धुआं भर जाने और सात प्रभावित नौसैनिकों को हेलिकॉप्टर से मुंबई के एक अस्पताल में पहुंचाया गया।
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