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This Article is From Sep 06, 2023

"जालना में लाठी खाने वाले भी भारतीय हैं": मुंबई में राज्यपाल से मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे

आदित्य ठाकरे ने कहा कि जो युवा हरिनाम का जप करते है. अनशन कर रहे है. उनपर लाठीचार्ज किया जाता है. यही बात हम कहने आये थे कि ये राज्य कैसे चल रहा है? इस पर गौर करने की जरूरत है. सीएम और ड़ीसीएम कहते है कि हमे पता ही नहीं है  कि लाठीचार्ज के आदेश किसने दिए. 

"जालना में लाठी खाने वाले भी भारतीय हैं": मुंबई में राज्यपाल से मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे

मुंबई: महाराष्ट्र के जालना में लाठीचार्ज की घटना को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासेहब ठाकरे गुट) नेता आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जो गद्दार गुट के (एकनाथ शिंदे) विधायक है. पुलिस स्टेशन में गोली चलाते है. उनपर कोई करवाई नही होती है. किसी का अपहरण करते हुए पकड़े जाते है. कोई कार्रवाई नहीं होती है.

आदित्य ठाकरे ने कहा कि जो युवा हरिनाम का जप करते है. अनशन कर रहे है. उनपर लाठीचार्ज किया जाता है. यही बात हम कहने आये थे कि ये राज्य कैसे चल रहा है? इस पर गौर करने की जरूरत है. सीएम और ड़ीसीएम कहते है कि हमे पता ही नहीं है  कि लाठीचार्ज के आदेश किसने दिए. 

आदित्य ठाकरे ने कहा, "मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि CMO को मैंने नजदीक से देखा है. जीतना संवेदनशील आंदोलन ये था. कोई भी पुलिस अधिकारी आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज नहीं करेगा, जब तक उपर से परमिशन नहीं आती है."

आदित्य ठाकरे ने आगे कहा, "हमारे राज्य में एक गद्दार मुख्यमंत्री है और दो उप मुख्यमंत्री है. अगर ये कहते है कि इन्हें पता ही नहीं है कि ये कैसे हुआ, तो मैं कहता हूं कि ये सरकार फिर चलती किस तरह है? इन तीनो में से या पूरे मंत्रिमंडल से जनरल डायर कौन है? जिस तरह से लाठीचार्ज हुआ, उससे ऐसे लग रहा था जैसे कि दुश्मनों पर लाठीचार्ज हुआ हो.

आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमारी पटना , बेंगलुरु  और मुंबई की मीटिंग हो गई है. हमसब देशभक्त एक साथ हों तो ये केंद्र सरकार डर जाती है. दुख की बात यही है कि हमारे देश की भवनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है. इंडिया हो या भारत हो ये दोनो नाम अपने ही हैं. मणिपुर में जो महिलाएं अत्याचार से पीड़ित है वो भी अपनी ही हैं. कश्मीरी पंडित भी अपने ही हैं. जालना में लाठी खाने वाले भी भरतीय हैं.

उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय से उम्मीद है कि वो करवाई करें. ये सरकार निक्कमी है. मैं यह चाहता हूं कि राज्यपाल महोदय राज्य के मुख्यमंत्री को बुलाकर थोड़ा समझाए कि ऐसे आंदोलन को इस तरह से नहीं उठाया जाता है. कानून भी एक चीज है.

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