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This Article is From Aug 31, 2023

अदाणी समूह ने OCCRP के सभी आरोपों को खारिज किया, कहा - फिर मुनाफ़ा कमाने की हो रही कोशिश

अदाणी समूह ने कहा, OCCRP द्वारा किए गए ये दावे "एक दशक पहले के बंद मामलों पर आधारित हैं, जब राजस्व खुफिया निदेशालय ने अधिक चालान, विदेश में धन के हस्तांतरण, संबंधित पार्टी लेनदेन और FPI के माध्यम से निवेश के आरोपों की जांच की थी..."

अदाणी समूह का कहना है कि OCCRP द्वारा किए गए दावे "एक दशक पहले के बंद मामलों पर आधारित हैं..."

अदाणी समूह ने ऑर्गेनाइडज़्ड क्राइम एंड करप्शन रिपर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) द्वारा लगाए गए छिपे विदेशी निवेशकों के 'दोबारा थोपे गए' आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज किया है. समूह ने एक बयान जारी कर कहा, "ये समाचार रिपोर्टें हिंडनबर्ग की नाकारा रिपोर्ट को दोबारा हवा देने के लिए विदेशी मीडिया के एक वर्ग के समर्थन से जॉर्ज सोरोस-फंडेड OCCRP की एक और कोशिश प्रतीत होती है... दरअसल, यही उम्मीद थी, जब पिछले हफ़्ते मीडिया ने यही आशंका जताई थी..."

अदाणी समूह ने कहा कि एक स्वतंत्र निर्णायक प्राधिकारी और एक अपीलीय न्यायाधिकरण - दोनों ने पुष्टि की है कि मूल्यांकन को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं दिखाया गया और लेनदेन लागू कानूनों के अनुसार किए गए थे.

बयान में आगे कहा गया, "चल रही नियामक प्रक्रिया का सम्मान करना अहम है... हमें कानून की उचित प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है और हम अपने खुलासों की गुणवत्ता और कॉरपोरेट प्रशासन मानकों के प्रति आश्वस्त हैं... इन तथ्यों के प्रकाश में इन समाचार रिपोर्टों का समय संदिग्ध, शरारतपूर्ण और दुर्भावनापूर्ण है, और हम इन रिपोर्टों को पूरी तरह खारिज करते हैं..."

सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी समूह के पक्ष में फैसला सुनाया था और मामला मार्च, 2023 में बंद कर दिया गया था. समूह के मुताबिक, "स्पष्ट रूप से चूंकि कोई अधिक मूल्यांकन नहीं पाया गया था, इसलिए धन के लेनदेन को लेकर लगे इन आरोपों की कोई प्रासंगिकता या आधार नहीं है..."

समूह ने कहा, OCCRP द्वारा किए गए ये दावे "एक दशक पहले के बंद मामलों पर आधारित हैं, जब राजस्व खुफिया निदेशालय ने अधिक चालान, विदेश में धन के हस्तांतरण, संबंधित पार्टी लेनदेन और FPI के माध्यम से निवेश के आरोपों की जांच की थी..."

अदाणी समूह ने यह भी साफ़ किया कि जिन FPI का नाम लिया गया, वे पहले से भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की जांच का हिस्सा हैं.

समूह ने बताया, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति के अनुसार न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता आवश्यकताओं के उल्लंघन या स्टॉक की कीमतों में हेरफेर का कोई सबूत नहीं मिला है.

समूह के अनुसार, "दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें सवाल भेजने वाले प्रकाशनों ने हमारी प्रतिक्रिया को पूरा प्रकाशित नहीं किया... सभी बातों के अलावा, इन प्रयासों का उद्देश्य हमारे शेयरों की कीमतों को नीचे लाकर मुनाफा कमाना है और शॉर्ट सेलरों की विभिन्न अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है..."

OCCRP के आरोपों को अदाणी ग्रुप ने बताया गलत - खास बातें

  • OCCRP ने दो विदेशी निवेशकों के ज़रिये इनसाइडर ट्रेडिंग का लगाया है आरोप
  • ये आरोप पुराने हैं और रिसाइकिल किए गए हैं : अदाणी
  • न्यायिक जांच में कुछ गलत नहीं मिला : अदाणी
  • इन विदेशी निवेशकों की जांच SEBI पहले ही कर रहा है : अदाणी
  • SC कमेटी की जांच में शेयर होल्डिंग नियमों का उल्लंघन नहीं मिला : अदाणी
  • SC, SEBI की जांच की कद्र करनी चाहिए : अदाणी
  • ये रिपोर्ट एक बार फिर से पैसा बनाने की कोशिश : अदाणी
  • इन शॉर्ट सेलरों की कई एजेंसियां कर रहीं जांच : अदाणी
  • अफसोस है, मीडिया रिपोर्ट्स में हमारा बयान शामिल नहीं किया गया : अदाणी

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