विज्ञापन
This Article is From Apr 18, 2022

फरीदाबाद में झूठी शिकायत देकर पुलिस और अदालत का समय बर्बाद करने वालों पर कार्रवाई

फरीदाबाद में बीते दो माह में झूठी शिकायत देने वालों के खिलाफ 40 मुकदमे दर्ज किए गए, झूठी शिकायत करने पर सात साल के कारावास या आर्थिक दंड का प्रावधान

फरीदाबाद में झूठी शिकायत देकर पुलिस और अदालत का समय बर्बाद करने वालों पर कार्रवाई
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

झूठी शिकायत देकर पुलिस और अदालत का समय बर्बाद करने वालों के खिलाफ फरीदाबाद पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है. बीते दो माह में झूठी शिकायत देने वालों के खिलाफ 40 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. फरवरी माह में 15 तो वहीं मार्च महीने में झूठी शिकायत देने वाले 25 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए जा चुके हैं. पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि झूठी शिकायतें देकर पुलिस और अदालत का समय और साधन बर्बाद करने वालों के लिए कानूनन सात साल के कारावास या आर्थिक दंड का प्रावधान है. 

पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा के निर्देशानुसार झूठे मुकदमेबाजों पर शिकंजा कसने की बड़ी कार्यवाही की जा रही है. फरीदाबाद में बीते दो माह में ऐसे 40 मामले सूचीबद्ध किए गए हैं. पुलिस अब इन मामलों में परिवादियों पर कानूनी कार्रवाई कर दंडित कराने की कार्रवाई कर रही है. पुलिस की इस सख्ती से झूठी शिकायत करने के आदतन लोगों में भी खौफ पैदा होगा और झूठे मामलों में कागजी कार्रवाई, तफ्तीश और अन्य साधनों व समय के दुरुपयोग पर अंकुश लगेगा.

झूठे आरोप से सामाजिक प्रतिष्ठा को लगता है आघात
हत्या,चोरी, दुराचार, महिलाओं से अश्लील हरकतें और नाबालिग बच्चों से यौनाचार के आरोपों के तहत झूठे मामलों में आरोपियों को केवल परिवार और समाज में अपमानित और शर्मसार होना पड़ता है. पुलिस कार्रवाई के तहत उन्हें गिरफ्तारी, जमानत और अन्य प्रकियाओं से भी गुजरना पड़ता है. जब बाद में उनके खिलाफ आरोप झूठे पाए जाते हैं तो वे समाज और परिवार को सफाई पेश नहीं कर पाते. झूठे मुकदमों से लोगों को ब्लैकमेल किए जाने की प्रवृत्ति भी बढ़ी है.

पुलिस और कोर्ट का समय होता है बर्बाद
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि झूठे मुकदमों से पुलिस और अदालत का समय और साधन बर्बाद होता है. साथ ही वास्तविक केस में कार्रवाई करने के बजाए जांच अधिकारी और स्टाफ झूठे मामलों में व्यस्त हो जाते हैं. इससे वास्तविक रूप से पीड़ित लोगों को समय पर न्याय नहीं मिल पाता.

दो महीनों में 40 मुकदमे दर्ज किए गए
पुलिस आयुक्त ने झूठे मुकदमे दर्ज कराने वालों पर अंकुश के लिए सभी थाना प्रभारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. इसके तहत फरवरी और मार्च महीने में पुलिस जांच में झूठे पाए जाने पर 40 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं. इसमें से 15 मुकदमे फरवरी तथा 25 मुकदमे मार्च महीने के शामिल हैं.

पुलिस आयुक्त ने झूठी शिकायत देने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अपने फायदे के लिए कानून का गलत इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी. पुलिस जांच में शिकायत झूठी पाए जाने पर उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 182 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा. आमजन से अनुरोध है कि झूठी शिकायत देकर पुलिस और अदालत का समय बर्बाद ना करें.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com