तेलंगाना उद्योग और वाणिज्य मंत्री के टी रामाराव ने बुधवार को केंद्र सरकार से देश भर में पेट्रोल और डीजल पर सेस यानी उपकर समाप्त करने की मांग की है. केंद्र द्वारा राज्य सरकारों से ईंधन पर वैट (मूल्य वर्धित कर) कम करने का आग्रह किया गया था. इस पर अब तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के नेता का ये बयान आया है. देश में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए तेलंगाना मंत्री के टी रामाराव ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार भी ठहराया है.
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के टी रामाराव ने एक ट्वीट कर लिखा कि "ईंधन की कीमतें एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) केंद्र सरकार की वजह से बढ़ी हैं. वैट कम नहीं करने के लिए राज्यों का नाम लेना, भले ही हमने इसे कभी नहीं बढ़ाया हो. क्या ये सहकारी संघवाद है. जिसके बारे में आप बात कर रहे हैं नरेंद्र मोदी जी ? तेलंगाना में 2014 से ईंधन पर वैट की वृद्धि नहीं हुई है.
इन्होंने आगे लिखा कि आपकी सरकार द्वारा लगाए गए सेस के कारण हमें हमारे उचित हिस्से का 41 प्रतिशत नहीं मिलता है. उपकर के रूप में आप राज्य से 11.4 प्रतिशत लूट रहे हैं और हमें वित्त वर्ष 2023 के लिए केवल 29.6 प्रतिशत ही मिल रहा है. कृपया उपकर को समाप्त करें ताकि हम पूरे भारत में पेट्रोल 70 रुपये और डीजल 60 रुपये पर दे सकें. वन नेशन - वन प्राइस?"
दरअसल कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की थी. इस दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष शासित राज्यों से पेट्रोल और डीजल पर कर कम करने की बात कही थी. पीएम मोदी ने कहा था कि "पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बोझ को कम करने के लिए, केंद्र सरकार ने पिछले नवंबर में उत्पाद शुल्क कम किया. हमने राज्यों से भी अपने करों को कम करने का आग्रह किया था. कुछ राज्यों ने कर कम किया और उपभोक्ताओं को लाभ प्रदान किया. लेकिन कुछ नहीं. विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों का नाम लेते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड और तमिलनाडु ने केंद्र सरकार की सलाह का पालन नहीं किया और इन राज्यों में लोग मूल्य वृद्धि के बोझ से दबे हैं."
VIDEO: क्या आप जानते हैं? : क्या करती है सरकार पेट्रोल-डीजल के सेस से बटोरे पैसे का?
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