फाइल फोटो
मुंबई:
शुक्रवार को मुम्बई की एक ख़ास अदालत (MCOCA अदालत) ने 7/11 मुम्बई ट्रेन धमाकों के 13 आरोपियों में से 12 को गुनहगार ठहराया और 1 आरोपी अब्दुल वाहिद दीन मोहम्मद शेख को बाइज़्ज़त बरी किया। वाहिद पर पाकिस्तान से आये आतंकियों को पनाह देने का आरोप था जो कि सिद्ध नहीं हो पाया।
वाहिद जो कि पिछले 9 सालों से आर्थर रोड जेल में बंद था, उसे शनिवार दोपहर को जेल से रिहा कर दिया गया। वाहिद के भाई ने कहा, 'नौ साल किसी की भी जिंदगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा होते हैं। वाहिद और पूरे परिवार को इसके चलते बहुत कुछ झेलना पड़ा है। वाहिद जो की पेशे से शिक्षक थे, उनकी नौकरी चली गयी और उन्हें और पूरे परिवार को पुलिस की प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।'
वाहिद के वकील प्रकाश शेट्टी का कहना है कि एटीएस की जांच में वाहिद के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था इसी के चलते उन्हें रिहा कर दिया गया।
वाहिद ने जेल से ही वकालत और जर्नलिज्म की पढ़ाई शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि जब तक जजमेंट कॉपी उनके हाथ न लगे वो मीडिया से इस मुद्दे पर बात नहीं करेंगे।
वाहिद जो कि पिछले 9 सालों से आर्थर रोड जेल में बंद था, उसे शनिवार दोपहर को जेल से रिहा कर दिया गया। वाहिद के भाई ने कहा, 'नौ साल किसी की भी जिंदगी का एक बहुत बड़ा हिस्सा होते हैं। वाहिद और पूरे परिवार को इसके चलते बहुत कुछ झेलना पड़ा है। वाहिद जो की पेशे से शिक्षक थे, उनकी नौकरी चली गयी और उन्हें और पूरे परिवार को पुलिस की प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।'
वाहिद के वकील प्रकाश शेट्टी का कहना है कि एटीएस की जांच में वाहिद के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था इसी के चलते उन्हें रिहा कर दिया गया।
वाहिद ने जेल से ही वकालत और जर्नलिज्म की पढ़ाई शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि जब तक जजमेंट कॉपी उनके हाथ न लगे वो मीडिया से इस मुद्दे पर बात नहीं करेंगे।
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