दिल्ली नगर निगम (MCD) की स्थायी समिति की एक खाली सीट के लिए देश की राजधानी में जमकर सियासत हो रही है. इस बीच दक्षिण कोरिया दौरे पर गए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की एक चिट्ठी के बाद विवाद और बढ़ गया, जिसमें उन्होंने एमसीडी आयुक्त से कहा कि निगम की स्थायी समिति की एक रिक्त सीट पर चुनाव शुक्रवार को कराया जाए. आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया का कहना है कि 18वें सदस्य के चुनाव की इतनी जल्दी क्या है? आखिर, एमसीडी की स्थायी समिति के सिर्फ सदस्य के चुनाव के लिए इतना बवाल क्यों हो रहा है? स्थायी समिति के 18वां सदस्य आखिर इतना महत्वपूर्ण क्यों हो गया है.
मनीष सिसोदिया ने पूछा- क्यों LG रात को ही चुनाव कराना चाहते हैं?
दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी के 18वें सदस्य का चुनाव आज दोपहर 1:00 बजे होना है. एमसीडी कमिश्नर ने चुनाव कराने का आदेश दिया है. इससे पहले बृहस्पतिवार को जमकर हंगामा हुआ, इसको लेकर इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी मेयर शैली ऑब्रॉय की जगह एडिशनल कमिश्नर जितेंद्र यादव होंगे. यह चुनाव बृहस्पतिवार को ही होने जा रहा था, लेकिन आम आदमी पार्टी और बीजेपी के पार्षदों के बीच हंगामे की वजह से देर रात तक चुनाव नहीं हो पाए, जबकि उपराज्यपाल ने कल रात तक ही चुनाव कराने का आदेश दिया था. जिस पर आप नेता मनीष सिसोदिया ने आपत्ति जताई. वहीं, इस मुद्दे पर बीजेपी का यह कहना है कि चुनाव कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक कराए जा रहे हैं. साथ ही बीजेपी नेता वीरेंद्र सदेव ने कहा कि वह इस मामले में मेयर शेली ब्रॉय और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अवमानना का केस करेंगे.
AAP का सवाल- 'क्या आफत आ गई भाई?'
मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल उठया, 'एलजी साहब ने चिट्ठी लिखी है, ये रात को 8:30 बजे के करीब कमिश्नर साहब के पास पहुंची है. एलजी साहब अभी कहीं विदेश में अमेरिका में या पता नहीं कहां हैं... वहां घूम रहे हैं, लेकिन वहां से चिट्ठी लिखी है उन्होंने कमिश्नर को कि तुरंत एमसीडी का चुनाव किसी भी कीमत पर रात में कराया जाए. रात को 10 बजे तक एमसीडी का स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव करवाया जाए. उन्होंने कहा है कि ये चुनाव मेयर की अध्यक्षता में करा दीजिए, मेयर ना मिले तो डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में करा दीजिए, डिप्टी मेयर भी ना मिले... तो किसी भी सीनियर मेंबर की अध्यक्षता में करा दीजिए. क्या आफत आ गई भाई? रात को 10 बजे जब 4:30 बजे सदन स्थगित हुआ है. अगली एक तारीख के लिए आप आदेश दे रहे हो कि रात को 10 बजे तक चुनाव करवा दो. पार्षद अपने-अपने घर चले गए हैं. मेयर अनाउंस कर चुकी हैं कि अगली तारीख 5 अक्टूबर तारीख है बैठक की, फिर रात को 10 बजे तक जरूरत क्या है?'
18वां सदस्य क्यों इतना महत्वपूर्ण?
दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी में कुल 18 ही सदस्य होते हैं. ये 18वें सदस्य के लिए ही चुनाव होना है, यानि जैसे ही यह चुनाव हो जाएगा, वैसे ही स्टैंडिंग कमेटी का गठन पूरा हो जाएगा. स्टैंडिंग कमेटी के 17 सदस्यों का चुनाव पहले हो चुका है. इनमें 9 सदस्य बीजेपी के जीत चुके हैं और 8 सदस्य आम आदमी पार्टी के जीते हैं. अगर आखिरी सीट बीजेपी जीत जाती है, तो उनकी संख्या बढ़कर 10 हो जाएगी यानि स्टैंडिंग कमेटी बीजेपी की हो जाएगी. दरअसल, एमसीडी में सभी बड़े निर्णय स्टैंडिंग कमेटी ही लेती है. ऐसे में अगर कहें कि एमसीडी में असली सरकार स्टैंडिंग कमेटी होती है, तो गलत नहीं होगा. अगर बीजेपी ने ये चुनाव जीत लिया, तो स्टैंडिंग कमेटी की कमान उनके हाथों में आ जाएगी. इसलिए बीजेपी किसी भी हाल में इस सीट को गंवाना नहीं चाहती है.
अगर 18वें सदस्य का चुनाव AAP जीत ले तो...?
वहीं, अगर आम आदमी पार्टी इस 18वें सदस्य के लिए हो रहे चुननाव को जीत जाती है, तो उनकी संख्या आठ से बढ़कर 9 हो जाएगी. ऐसे में आप और बीजेपी के बराबर-बराबर सदस्य हो जाएंगे और फिर तय होगा कि स्टैंडिंग कमेटी का चेयरमैन कौन होगा. ऐसे में किसी भी निर्णय के लिए दोनों की सहमति जरूरी होगी. इसलिए यह भले ही एक सीट का यह चुनाव हो रहा है, लेकिन असल मायनों में यह पूरी की पूरी स्टैंडिंग कमेटी का ही चुनाव इसको मान लीजिए. AAP या बीजेपी में से जो इसको जीत जाएगा, उसके आधार पर आगे की एमसीडी की दिशा और दशा तय होगी. यह तय होगा कि कौन एमसीडी को असल में चलाएगा, तो इस वजह से यह सारी लड़ाई जो है. इस एक सदस्य को लेकर हो रही है.
एमसीडी के अंदर जो असली सरकार होती है वो स्टैंडिंग कमेटी ही होती है
क्या जब तक स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं हो जाता है, तब तक क्या फाइल्स ऐसे ही अधर में लटकी रहेंगी? दरअसल, फरवरी 2023 में दिल्ली में मेयर का चुनाव हो गया था. इसके बाद डिप्टी मेयर का चुनाव हो गया था, लेकिन तब से ही स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव अधर में लटका हुआ है. इसकी वजह से हुआ यह है कि कोई भी बड़े निर्णय नहीं लिये जा सके हैं. बता दें कि मेयर और डिप्टी मेयर तो हाउस को चलाने के लिए होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से सरकार असल में एमसीडी स्टैंडिंग कमिटी होती है. 5 करोड़ रुपये से ऊपर का कोई भी प्रस्ताव हो, कोई भी नया प्रोजेक्ट लेकर आना है, तो यह सारे काम स्टैंडिंग कमेटी करती है. अभी स्टैंडिंग कमिटी नहीं है, इसलिए एमसीडी में जो बड़े काम हैं, वो रुके हुए हैं. पिछले साल खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ये कहना था कि स्टैंडिंग कमेटी नहीं है, तो इस वजह से जो दिल्ली में तीन कूड़े के पहाड़ बने हुए हैं, उनका काम तेजी से नहीं हो रहा है. दिल्ली सरकार वहां और कंपनियों को लगाना चाहती है, ताकि तेजी से यह पहाड़ खत्म हो, लेकिन क्योंकि स्टैंडिंग कमेटी नहीं है, इस वजह से यह सब रुका हुआ है.
स्टैंडिंग कमेटी चुनाव के बीच AAP को कांग्रेस ने दिया झटका
आम आदमी पार्टी को उस समय बृहस्पतिवार को तब झटका लगा, जब यह पता चला कि कांग्रेस जो है, वोटिंग में हिस्सा नहीं ले रही है. कांग्रेस के पास 9 पार्षद हैं. इससे पहले जो स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर्स का चुनाव हो रहा था, उसमें आम आदमी पार्टी, कांग्रेस को और कांग्रेस आम आदमी पार्टी को सपोर्ट कर रही थी. लेकिन कांग्रेस के नौ पार्षद अब AAP का सपोर्ट नहीं कर रहे हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी को दो नुकसान होंगे. अभी 125 पार्षद आमदी पार्टी के हैं 115 पार्षद बीजेपी के. बीजेपी अगर पांच-छह पार्षद इधर-उधर करने में कामयाब हो जाती है, वो अपना मेंबर जितवा लेगी. लेकिन हो ये भी सकता है कि आम आदमी पार्टी जो है वो बीजेपी के वोट खिसका ले. लेकिन ऊंट किस करवट बैठेगा, ये तो समय ही बताएगा, लेकिन ये प्रत्यक्ष रूप से आम आदमी पार्टी को झटका ही है कि कांग्रेस पार्टी वोटिंग में हिस्सा नहीं ले रही है.
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