प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
महिला को धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान को गुरुवार को एक स्थानीय अदालत ने जमानत दे दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजकुमार त्रिपाठी ने ओखला से विधायक को राहत प्रदान करते हुए कहा कि जांच के लिए उनकी जरूरत नहीं है और ‘उनको जेल में रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा।’ अदालत ने विधायक से कहा कि वह 50,000 रुपए का निजी मुचलका और इतनी ही जमानत राशि जमा कराएं।
महिला को पहले ही उचित पुलिस सुरक्षा मिल चुकी है
न्याधीश ने कहा कि महिला को पहले ही उचित पुलिस सुरक्षा मिल चुकी है, इसलिए सबूत से छेड़छाड़ या सबूतों को प्रभावित करने का कोई अंदेशा नहीं है। आरोपी को निर्देश दिया जाता है कि जांच अधिकारी की ओर से बुलाने पर जांच में शामिल हों। मजिस्ट्रेटी अदालत की ओर से 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद खान ने सत्र अदालत का रुख किया था। मजिस्ट्रेटी अदालत ने इस आधार पर उनको न्यायिक हिरासत में भेजा था कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और जांच में बाधा डाल सकते हैं।
24 जुलाई को पूछताछ के लिए लिया गया था हिरासत में
खान को पहले 24 जुलाई को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। इससे एक दिन पहले खान ने संवाददाता सम्मेलन करके आरोप लगाया था कि पुलिस महिला पर गलत बयान देने के लिए दबाव डाल रही है।
बिजली कटौती की शिकायत करने के लिए गई थी विधायक के घर
पुलिस के अनुसार 22 जुलाई को महिला ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज करवाया कि जब वह विधायक के घर से लौट रही थी तब रास्ते में एक वाहन से उसको कुचलने का प्रयास किया गया और इस वाहन में खुद विधायक बैठे हुए थे। उसका कहना है कि बिजली कटौती की शिकायत करने के लिए वह विधायक के घर गई थी। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि वह जब बयान देने के लिए अदालत आ रही थी, उस वक्त उसके उपर एक मोटरसाइकिल चढ़ाने का प्रयास हुआ।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
महिला को पहले ही उचित पुलिस सुरक्षा मिल चुकी है
न्याधीश ने कहा कि महिला को पहले ही उचित पुलिस सुरक्षा मिल चुकी है, इसलिए सबूत से छेड़छाड़ या सबूतों को प्रभावित करने का कोई अंदेशा नहीं है। आरोपी को निर्देश दिया जाता है कि जांच अधिकारी की ओर से बुलाने पर जांच में शामिल हों। मजिस्ट्रेटी अदालत की ओर से 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद खान ने सत्र अदालत का रुख किया था। मजिस्ट्रेटी अदालत ने इस आधार पर उनको न्यायिक हिरासत में भेजा था कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और जांच में बाधा डाल सकते हैं।
24 जुलाई को पूछताछ के लिए लिया गया था हिरासत में
खान को पहले 24 जुलाई को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। इससे एक दिन पहले खान ने संवाददाता सम्मेलन करके आरोप लगाया था कि पुलिस महिला पर गलत बयान देने के लिए दबाव डाल रही है।
बिजली कटौती की शिकायत करने के लिए गई थी विधायक के घर
पुलिस के अनुसार 22 जुलाई को महिला ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज करवाया कि जब वह विधायक के घर से लौट रही थी तब रास्ते में एक वाहन से उसको कुचलने का प्रयास किया गया और इस वाहन में खुद विधायक बैठे हुए थे। उसका कहना है कि बिजली कटौती की शिकायत करने के लिए वह विधायक के घर गई थी। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि वह जब बयान देने के लिए अदालत आ रही थी, उस वक्त उसके उपर एक मोटरसाइकिल चढ़ाने का प्रयास हुआ।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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