मनीष सिसोदिया ने विज्ञापन विवाद पर संबंधित कमेटी के अधिकारों पर सवाल उठाए.(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर भारत सरकार की बनाई हुई जिस तीन सदस्यीय कंटेंट रेगुलेशन कमिटी ने आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये विज्ञापन के नाम पर वसूलने के आदेश दिए हैं उसके पास ऐसा करने के अधिकार नहीं है. मनीष सिसोदिया ने कहा 'इस समिति को कोई पावर नहीं दी गई इस तरह के आदेश जारी करने के फिर भी इन्होंने आदेश दिया.' मनीष सिसोदिया ने कहा कि 'दूसरी सरकारें भी दुसरे राज्यों में सम्मलेन करती हैं लेकिन हमने विज्ञापन दे दिया तो हमसे पैसा वसूलने ने लिए कहा जा रहा है? आज के अख़बार में कर्नाटक सरकार का विज्ञापन है जिसमे कांग्रेस का नाम है.'
मनीष सिसोदिया ने समिति के 3 में से 2 सदस्यों पर सवाल भी उठाये और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ईमानदार और निष्पक्ष लोगों की समिति बनाई जाए लेकिन इस समिति में रजत शर्मा और पियूष पांडेय की ईमानदारी और निष्पक्षता के बारे में सब जानते हैं. यहीं नहीं सिसोदिया ने 97 करोड़ चुकाने के बारे में कहा कि 'आम आदमी पार्टी से कैसे वसूलें? क्या आम आदमी ने विज्ञापन के लिए आदेश दिए थे?'
आपको बता दें कि दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने आदेश दिया है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करके जो विज्ञापन दिए हैं उनके लिए सरकारी खजाने से खर्च की भरपाई आम आदमी पार्टी से वसूल करके की जाए.
मनीष सिसोदिया ने समिति के 3 में से 2 सदस्यों पर सवाल भी उठाये और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ईमानदार और निष्पक्ष लोगों की समिति बनाई जाए लेकिन इस समिति में रजत शर्मा और पियूष पांडेय की ईमानदारी और निष्पक्षता के बारे में सब जानते हैं. यहीं नहीं सिसोदिया ने 97 करोड़ चुकाने के बारे में कहा कि 'आम आदमी पार्टी से कैसे वसूलें? क्या आम आदमी ने विज्ञापन के लिए आदेश दिए थे?'
आपको बता दें कि दिल्ली के एलजी अनिल बैजल ने आदेश दिया है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करके जो विज्ञापन दिए हैं उनके लिए सरकारी खजाने से खर्च की भरपाई आम आदमी पार्टी से वसूल करके की जाए.
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