सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड के मुद्दे पर कड़ा रुख अपना लिया है। 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कहा था कि किसी भी तरह आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो राज्य सरकार इसे नहीं मानेगी उसे परिणाम भुगतने होंगे।
यहां तक कि बेंच के जज ने इस मामले में अपना अनुभव भी सुनाया। सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने 9 मार्च को दिल्ली सरकार में जारी हुए आदेश दिखाए। इसमें कहा गया है कि रेवेन्यू विभाग के सारे मामलों में आवेदक से आधार कार्ड मांगा जाए। अगर आधार कार्ड नहीं है तो विभाग कार्ड के लिए आवेदन में मदद करे। यहां तक कि शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए भी ये आदेश दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के सामने ये आदेश दिखाए गए और कोर्ट ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया। इस मामले की सुनवाई कर रही बेंच के एक जज ने अपना अनुभव भी सुनाया कि किस तरह वो दक्षिण भारत के एक गांव में टैक्स जमा करने के लिए गए थे और वहा अफसरों ने उनसे आधार कार्ड की मांग की।
सुनवाई के दौरान केंद्र ने कहा कि राज्य सरकारें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहीं लेकिन कोर्ट ने कहा कि केंद्र ये कहकर जिम्मेदारी से नहीं बच सकता। केंद्र सब सरकारों को इसकी लिखित सूचना दे। जो सरकारें आदेश का पालन नहीं करेंगी उन्हें परिणाम भुगतने होंगे। गौरतलब है कि आधार कार्ड की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कहा था कि आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। मामले की सुनवाई अभी चल रही है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं