आम आदमी पार्टी में पिछले कई दिनों से जारी विवाद में एक नया मोड़ उस समय आया, जब हाल ही में पार्टी की पीएसी से निकाले गए नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को चिट्ठी लिखकर पार्टी से यह मांग भी की कि इस चिट्ठी को भी उसी तरह सार्वजनिक किया जाए, जिस तरह उनके खिलाफ लिखी चार लोगों की चिट्ठी को किया गया था। योगेंद्र यादव ने कहा है कि उन्होंने और प्रशांत भूषण ने पार्टी के लोकपाल से उन पर लगे आरोपों की जांच करने को कहा है।
इसके साथ ही योगेंद्र यादव ने कहा कि पार्टी में जो कुछ भी चल रहा है, उससे उन्हें पीड़ा महसूस हो रही है। उन्होंने कहा, मैं और प्रशांत अभी कुछ नहीं बोलेंगे, और पार्टी में जो कुछ चल रहा है, उससे पार्टी का भला होने वाला नहीं है।
आइए पढ़ते हैं, इस खत की मुख्य बातें...
- पिछले कुछ दिनों की घटनाओं से देश और दुनियाभर के आप सभी कार्यकर्ताओं के दिल को बहुत ठेस पहुंची है...
- हमने पार्टी के लिए काम किया है, और आगे भी करते रहेंगे...
- हम कार्यकर्ताओं के सामने पूरा सच रखना चाहते हैं...
- हमने चुनावों के दौरान शांति भूषण जी के बयानों से असहमति जताई थी...
- राष्ट्रीय संयोजक का पद कभी मुद्दा नहीं था, न है...
- लोकसभा चुनाव के बाद अरविंद केजरीवाल कांग्रेस के समर्थन से दोबारा सरकार बनाने की बात कर रहे थे...
- कांग्रेस से दोबारा समर्थन की बात पर विवाद शुरू हुआ था...
- उम्मीदवारों की जांच की बात की तो हम पर चुनावों में अड़ंगा डालने के आरोप लगाए गए...
- राज्य के निर्णय राज्य इकाई ले, सब दिल्ली से तय न हो...
- हमने पार्टी की एकता और उसकी आत्मा, दोनों को बचाने का हरसंभव प्रयास किया और हम ही पर पार्टी को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा...
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