दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से के दो मोहल्लों जाफराबाद और मौजपुर के बीच की दूरी मुश्किल से एक किलोमीटर है, लेकिन इस फासले को तय करना फिलहाल भयावह है. यह वह इलाका है जहां रविवार को पहले दौर में हिंसा भड़की थी. हिंसा का सिलसिला अगले तीन दिनों में आसपास के क्षेत्र के कम से कम सात इलाकों तक फैल गया.
इस इलाके की सड़कों पर अब ईंटों के टुकड़े और जले हुए वाहन नजर आ रहे हैं. बहुत कम लोग हैं जो इन हालात में मीडिया से बात करने को राजी होते हैं.
इन दो इलाकों के बीच एक रास्ते में बैरीकेट के पीछे कुछ लोग खड़े दिखाई दिए. उन्होंने हमें वहां जाने दिया. उन्होंने कहा कि इस इलाके में शांति है. उन्होंने बताया कि यह समुदायों का मिलाजुला मोहल्ला है.
स्थानीय व्यापारी सिराज अहमद ने कहा, यह सड़क इस इलाके की अंतिम सड़क है जिसमें जाफराबाद की तरफ मुस्लिम बहुल इलाका है औेर मौजपुर की तरफ हिंदू बहुल इलाका है. कपड़ा व्यापारी शहजाद ने बताया कि शांति कायम रखने के लिए यहां सभी रात भर जागते रहे. दोनों समुदाय के लोग एक-दूसरे को सुरक्षा देते रहे.
वहीं के निवासी मुकेश कुमार ने शहजाद की बात पर सहमति में सिर हिलाया. उन्होंने कहा कि इस तरह की हिंसा इस इलाके में पहले कभी नहीं हुई. सभी लोग भाईचारे के साथ रहते हैं. उन्होंने बताया कि मोहल्ले के गेट पर बैरीकेट भीड़ को आने से रोकने के लिए लगाया गया है.
शहजाद ने बताया कि यहां हिंसा कपिल मिश्रा के यहां आने के बाद भड़की. हिंसा करने वाले लोग यहां के नहीं बल्कि बाहरी थे.
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